विश्व कप को क्रिकेट का एक पर्व माना जाता है. लेकिन इस समय में भीं कई ऐसे घटनाएँ हुयी हैं जिससे पूरा क्रिकेट जगत शर्मसार होता है. ऐसा ही कुछ हुआ था 1996 में जब कोलकाता के मैदान पर दर्शकों को हंगामा हुआ और मैच पूरा हुए बिना ही वो सेमीफाइनल मैच भारतीय टीम हार गयी. भारतीय क्रिकेट इतिहास में इस दिन को एक कलंकित दिन माना जाता है.
भारतीय टीम ने जीता था टॉस, गेंदबाजी करने का लिया था फैसला
इस विश्व कप में भारतीय टीम का सफर बहुत अच्छा रहा था. सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय टीम के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया था. श्रीलंका की टीम का पहले बल्लेबाजी करते हुए बहुत ही खराब शुरुआत हुई. और मात्र 35 रनों पर ही 3 विकेट गँवा दिया था.
लेकिन उससे बाद अरविंद डी सिल्वा के 66 और रोशन महानामा के 58 रनों के मदद से श्रीलंका की टीम ने 50 ओवर में 8 विकेट गँवा कर 251 रन बनाए थे. श्रीलंका के लिए इस मैच में चमिडा वास ने भी मात्र 16 गेंदों पर 23 रन बनाए थे.
लक्ष्य का पीछा करने उतरी थी भारतीय टीम
इस स्कोर का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने भी अपना पहला विकेट जल्दी ही गँवा दिया. लेकिन उससे बाद सचिन तेंदुलकर और संजय मंजेरकर ने भारतीय पारी को संभाला और एक समय अच्छी स्थिति में पंहुचा दिया था. भारतीय टीम एक समय 98 रनों पर मात्र 2 विकेट ही गंवाए थे.
लेकिन इसके बाद तो विकेट गिरने का सिलसिला हुआ तो भारतीय टीम 120 रनों पर ही 8 विकेट गँवा कर हार की तरफ बढ़ने लगी थी. मैदान पर उस समय विनोद कांबली और अनिल कुबंले मौजूद थे .
दर्शकों ने मचा दिया था बवाल, मैच श्रीलंका जीता
इस तरह से भारतीय पारी को गिरते देख वहां पर मौजूद सभी दर्शक भड़क गये और मैदान पर जूते, पानी की बोतल आदि फेंकने लगे. जिसके बाद वो वहां आग लगाने लगे. इस कारण मैच के अधिकारीयों ने मैच को वही बंद कर दिया,
और श्रीलंका की टीम जीत दिला दिया. भारतीय इस मैच में मात्र 34.1 ओवर ही बल्लेबाजी की थी और 8 गँवा चुकी थी. इस सेमीफाइनल को जीत कर श्रीलंका की टीम फाइनल में ऑस्ट्रेलिया हो हरा कर पहली बार विश्व विजेता बनी थी.