हैदराबाद एनकाउंटर में रेप आरोपियों के मारे जाने पर गौतम गंभीर ने दी प्रतिक्रिया 1

6 दिसंबर की सुबह हैदराबाद पुलिस की एनकाउंटर ने रेप के आरोपियों को मार गिराया। पिछले हफ्ते वेटेरनरी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी। पुलिस ने जल्द ही चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने भागने की कोशिश की और इसी वजह से फायरिंग में सभी मारे गये। पुलिस उन्हें घटनास्थल पर सीन रिक्रिएशन के लिए लेकर गयी थी।

पूरे देश में छिड़ी बहस

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एनकाउंटर के बाद लोग दो हिस्सों में बंट गये हैं। कई इसे सही बता रहे हैं वहीं कई इसे लोकतंत्र के खिलाफ बता रहे हैं। रेप की घटना 26 नवंबर को हैदराबाद रेलवे से 24 किलोमीटर दूर शमशाबाद टोल प्लाजा के पास हुआ था।

पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने उनसे बन्दुक छीन ली थी। इसके बाद उन्होंने गोलीबारी की। इसके बाद पुलिस ने जवाबी करवाई की और चारो को मार गिराया। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि आरोपी मोहम्मद आरिफ ने सबसे पहले गोली चलाई थी।

गौतम गंभीर ने दी प्रतिक्रिया

गौतम गंभीर ने संसद के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, ‘न्यायिक व्यवस्था में सुधार की जरूरत है। फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला आखिरी होना चाहिए और आरोपियों को आगे अर्जी देने का अधिकार नहीं होना चाहिए। साथ ही अगर उन्हें फांसी दी जाती है तो उन्हें दया याचिका देने का हक भी नहीं मिलना चाहिए। अगर आरोपी भागने की कोशिश कर रहे थे तो मैं पुलिस के साथ हूं।”

सोशल मीडिया पर भी बोले

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भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज और भाजपा सांसद गौतम गंभीर बेबाकी से अपनी राय रखते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को दया याचिका के लिए अपील भी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा

“बर्बर लोग दया के पात्र नहीं होते। जैसे ही दोषियों को फांसी की सजा मिले उन्हें बिना देरी किए अंजाम तक पहुंचा देना चाहिए। मैं हर नागरिक से अपील करता हूं कि वो सभी दया याचिकाओं की समीक्षा की अपील करें।