भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का बीसीसीआई अध्यक्ष बनना तय हो गया है. 23 अक्टूबर को चयन के बाद उनके नाम पर पूरी तरह से मुहर लग जाएगी. बीसीसीआई के सभी पदधिकारियों ने उनके नाम पर सहमती जता दी है. सोशल मीडिया पर सौरव गांगुली को बधाईयाँ मिलना भी शुरू हो गया है. खुद बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उन्हें ट्वीट कर बधाई दी थी.
भारत को आईसीसी ट्रॉफी दिलाना गांगुली की चुनौती
भारत पिछले तीन वर्षों में दुनिया में सबसे अधिक कंसिस्टेंट और सफल टीमों में से एक रहा है, 2016 से भारत ने कुल 129 मैच जीते हैं और सिर्फ 50 हार गए हैं. किसी अन्य टीम ने भारत अपेक्षा इतनी जीत हासिल नहीं की है. भारत की जीत-हार का अनुपात 2.58 का रहा है. भले ही भारतीय टीम लगातार मैच जीत रही है, लेकिन भारत ने साल 2013 से एक भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीती है.
बड़े मैच कैसे जीते ये एक मुद्दा
सौरव गांगुली ने अपने एक बयान में कहा, “भारत ने 2013 के बाद से कोई भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीती है. पिछले दो विश्व कप में भारत सेमीफाइनल से बाहर हो गया और 2014 टी-20 विश्व कप फाइनल में उसे हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन मुझे लगता है, कि वह इससे बेहतर टीम है.
यही एकमात्र क्षेत्र है जहां उन्हें मानसिक रूप से खुद को तैयार करने की आवश्यकता होती है. उनके पास अच्छी प्रतिभा है, तभी वह सेमीफाइनल तक इतना अच्छा खेलते हैं. सिर्फ हमें देखना होगा, कि कैसे वह अहम मैचों पर अच्छा प्रदर्शन करे और अपने आप पर अधिक दबाव ना बनाये.”
इस मुद्दे पर विराट से बातचीत करने की जरुरत
सौरव गांगुली ने आगे अपनी बात बढ़ाते हुए कहा, “यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसे विराट से बातचीत करने की जरूरत है. मेरी एकमात्र बात यह है कि उन्हें बड़े टूर्नामेंट जीतने की जरूरत है.
मैं यह नहीं कह रहा हूं कि उन्हें हर बार जीतने की जरूरत है. यह मुमकिन नहीं है, लेकिन हम एक जीत के बिना सात बड़े टूर्नामेंट में गुजरे हैं. जिसमे से 5 पुरुष के थे और 2 महिलाओं के थे.”