सौरव गांगुली

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली इन दिनों पुराने दिनों को काफी याद कर रहे हैं। इंटरव्यूज के दौरान वह अपने पुराने मैचों को भी याद करते दिखे हैं। मगर अब गांगुली ने एक बयान दिया है कि वह अभी भी टेस्ट क्रिकेट में रन बना सकते हैं। जी हां, बीसीसीआई की बागडोर संभाल रहे गांगुली का मानना है कि यदि उन्हें 6 महीने ट्रेनिंग और 3 रणजी मैच खेलने को दे दिए जाएं, तो वह भारत के लिए रन बना सकते हैं।

अभी भी बना सकते हैं टेस्ट में रन

सौरव गांगुली

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टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली व बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली का मानना है कि वह अभी भी टेस्ट क्रिकेट में टीम के लिए रन बना सकते हैं। दादा ने बंगाली न्यूज पेपर ‘संबाद प्रतिदिन’ को दिए इंटरव्यू में गांगुली ने यह बात कही। उन्होंने कहा,

‘अगर मुझे दो और वनडे इंटरनैशनल सीरीज खेलने को मिलती, तो मैं और रन बना सकता था। अगर मैं नागपुर टेस्ट में रिटायर नहीं होता तो मैं आगे की दो टेस्ट सीरीज में रन बना सकता था। इतना ही नहीं अभी भी मुझे छह महीने ट्रेनिंग के दीजिए और तीन रणजी मैच खेलने दीजिए, मैं टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए रन बना लूंगा। मुझे छह महीने भी नहीं चाहिए, मुझे बस तीन महीने दीजिए। मैं रन बना लूंगा।’

नहीं खत्म कर सकते मेरे अंदर का विश्वास

सौरव गांगुली ने भारत के लिए 113 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 42.2 के औसत से 7212 रन बनाए। गांगुली भारत के लिए सर्वाधिक टेस्ट रन बनाने वाले खिलाड़ियों  की लिस्ट में सातवें नंबर पर हैं। दादा मोहम्मद कैफ ने बताया, नेटवेस्ट ट्रॉफी में दादा ने क्या कह कर ड्रेसिंग रूम में भरा था उत्साहने आगे कहा,

‘आप मुझे खेलने का मौका भले ना दें, लेकिन आप मेरे अंदर से वो विश्वास कैसे तोड़ेंगे कि मैं खेल सकता हूं? ‘यह अविश्वसनीय था, कैलेंडर ईयर में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों की लिस्ट में शामिल होने के बावजूद मुझे वनडे इंटरनैशनल टीम से ड्रॉप कर दिया गया था। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितना अच्छा खेलते हैं, लेकिन अगर आप से मंच ही छीन लिया जाए, तो आप साबित कैसे करेंगे और किसको साबित करेंगे? ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ था।’

सौरव गांगुली ने टीम इंडिया को संभाला

सौरव गांगुली

भारतीय क्रिकेट टीम 2000 में मैच फिक्सिंग के विवादों से जूंझ रही थी, विश्व क्रिकेट में भारत का नाम खराब हो रहा था। तब सौरव गांगुली को टीम इंडिया की कमान सौंपी थी। इसके बाद तो जो हुआ वह इतिहास बन गया। टीम इंडिया को संभाला और मैच विनर खिलाड़ियों से सजाया।

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आज भी कोई इस बात से इनकार नहीं कर सकता है कि विदेशों में जीतने का उत्साह टीम इंडिया में गांगुली ने भरा। हालांकि गांगुली के करियर का अंत तत्कालीन कोच ग्रेग चैपल के चलते वैसा नहीं हुआ जैसा सोचा गया था। 2005 में ग्रेग चैपल के समय गांगुली को कप्तानी से हटाया गया था और फिर उन्हें टीम से भी बाहर कर दिया गया था। गांगुली ने 2006 में दक्षिण अफ्रीका सीरीज में दमदार वापसी की और उसके बाद काफी रन बनाए।