बॉर्डर-गवास्कर ट्रॉफी 2001 के कोलकाता टेस्ट को लेकर सौरव गांगुली ने किया ये चौकाने वाला खुलासा, जिससे अब तक सब थे अनजान 1
The Indian team, with captain Sourav Ganguly, celebrate winning the NatWest Series Final between England and India at Lord's, London, 13th July 2002. India won by two wickets. (Photo by Patrick Eagar/Popperfoto/Getty Images)

आजकल भारतीय क्रिकेट दुनिया में पूर्व महान कप्तान सौरव गांगुली की चर्चा काफी ज्यादा हो रही है। सौरव गांगुली अब क्रिकेट नहीं खेलते लेकिन फिर भी वो आय दिन चर्चाओं में बने रहते हैं।

आज कल दादा की ज्यादा चर्चा होने का कारण उनकी आत्मकथा है। सौरव गांगुली की एक ऑटोबायोग्राफी ए सेंचुरी इज़ नॉट एनफ़ (A CENTURY IS NOT ENOUGH) लांच की गई है।

Advertisment
Advertisment

सौरव गांगुली की आत्मकथा

बॉर्डर-गवास्कर ट्रॉफी 2001 के कोलकाता टेस्ट को लेकर सौरव गांगुली ने किया ये चौकाने वाला खुलासा, जिससे अब तक सब थे अनजान 2

सौरव गांगुली इस आत्मकथा में उनकी क्रिकेटिंग करियर के तमाम पहलूओं को शब्दों के जरिए बेहद खूबसूरती से दर्शाया गया है। इस मौके पर दादा भी अनपी ऑटोबायोग्राफी के प्रमोशन में जुटे हुए हैं।

वो तमाम मीडिया हाउस को इंटरव्यू दे रहे हैं। सौरव गांगुली ने इंडिया टूडे को दिए गए एक इंटरव्यू में बताया कि कैसे 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता टेस्ट मैच में भारतीय टीम का मूड बदल गया था।

Advertisment
Advertisment

बॉर्डर-गवास्कर ट्रॉफी में जीत ऐतिहासिक

बॉर्डर-गवास्कर ट्रॉफी 2001 के कोलकाता टेस्ट को लेकर सौरव गांगुली ने किया ये चौकाने वाला खुलासा, जिससे अब तक सब थे अनजान 3

2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता टेस्ट मैच में भारतीय क्रिकेट इतिहास का एक ऐतिहासिक मैच था। आज भारतीय टीम टेस्ट मैच में नंबर वन पर है। भारतीय टीम की टेस्ट रैंकिंग काफी ज्यादा है। इस मंजिल पर पहुंचने की शुरुआत 2001 के कोलकाता टेस्ट से ही हुई थी।

 

भारत ने उस मैच में ऑस्ट्रेलिया की सबसे मजबूत टीम को मात देकर पूरी दुनिया को चौंका दिया था। इंडिया टूडे के एडिटर ने सौरव गांगुली से उनके उस मैच के अनुभव के बारे में पूछा।

लक्ष्मण और द्रविड ने खेली शानदार पारी

 

बॉर्डर-गवास्कर ट्रॉफी 2001 के कोलकाता टेस्ट को लेकर सौरव गांगुली ने किया ये चौकाने वाला खुलासा, जिससे अब तक सब थे अनजान 4

सौरव गांगुली ने कहा, कि “वो मैच निश्चित तौर पर मेरे लिए और पूरी टीम के लिए एक ऐतिहासिक मैच था।”

उन्होंने कहा, कि “2001 में ऑसेट्रेलिया के खिलाफ उस सीरीज में हम 1-0 से पीछे थे। ऑस्ट्रेलिया के पास दुनिया की बेस्ट टीम थी। रिकी पोटिंग, एडम गिल्क्रिस्ट, शेन वार्न जैसे महान खिलाड़ी उस टीम का हिस्सा थे।”

सौरव गांगुली ने कहा, कि

“ऑस्ट्रेलिया के वो टीम हर विभाग में सबसे बेस्ट थी। ऑस्ट्रेलिया एक चैंपियन टीम थी और वो काफी खतरनाक क्रिकेट खेलती थी। वो विपक्षी टीम को उसके मन में ही हराने पर विश्वास रखते थे। ऑस्ट्रेलियन प्लेयर्स विपक्षी टीम के कप्तान समेत सभी खिलाड़ियों पर हमेशा दबाव में रखने की कोशिश करते थे, जिसकी वजह से वो मैच-दर-मैच जीतते जाते थे।”

उन्होंने कहा कि उस सीरीज के पहले मैच में उन्होंने हमें हराकर ये साबित किया। लेकिन दूसरे मैच में अचानक सभी भारतीय प्लेयर्स में एक नया जोश आया। राहुल, लक्ष्मण, हरभजन सब के रिएक्शन बदल गए। सबको लगा कि हम ऑस्ट्रेलिया को हरा सकते हैं।

कोलकाता टेस्ट में ऑस्ट्रेलियन प्लेयर्स पर आया दबाव

बॉर्डर-गवास्कर ट्रॉफी 2001 के कोलकाता टेस्ट को लेकर सौरव गांगुली ने किया ये चौकाने वाला खुलासा, जिससे अब तक सब थे अनजान 5

सौरव गांगुली ने कहा कि लोग अक्सर मुझसे उस टेस्ट मैच के बारे में पूछते और मैं उनसे हमेशा कहता हूं कि उस मैच में वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड की दो शानदार पारी और फिर हरभजन सिंह की लाजबाव गेंदबाजी ने भारतीय टीम को इतिहास रचने में सफलता दिलाई।

उन्होंने कहा, कि “हरभजन ने हैट्रिक ली, सचिन ने अपनी लेग स्पिन से परेशान किया। जिसके बाद हमने देखा कि पोटिंग, गिलक्रिस्ट और शेन वॉर्न जैसे खिलाड़ी भी दबाव में आए।”

विदेशों में भी जीत की लगी आदत

बॉर्डर-गवास्कर ट्रॉफी 2001 के कोलकाता टेस्ट को लेकर सौरव गांगुली ने किया ये चौकाने वाला खुलासा, जिससे अब तक सब थे अनजान 6

उन्होंने कहा, कि “उस मैच में हमारी जीत मेरे लिए भारतीय टीम का चेहरा बदलने का एक नया मौका लेकर आया था।”

उन्होंने कहा, कि “जब मैं कप्तान बना तो मेरा एक ही लक्ष्य था कि भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ भारत के साथ-साथ विदेशी पिचों में भी हराने की क्षमता को पैदा करना।”

दादा ने कहा, कि “2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उस जीत के बाद भारतीय टीम एक नया बदलाव आया। भारत की उस टीम में एक नया भरोसा पैदा हुआ कि वो अब ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम को भी हरा सकती है।”

नेटवेस्ट सीरीज में धमाल

बॉर्डर-गवास्कर ट्रॉफी 2001 के कोलकाता टेस्ट को लेकर सौरव गांगुली ने किया ये चौकाने वाला खुलासा, जिससे अब तक सब थे अनजान 7

भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा कि भारत को उस जीत के बाद भारत ने तीसरे टेस्ट मैच में भी ऑस्ट्रेलिया को 2 विकेट से हराकर बॉर्डर-गवास्कर ट्रॉफी को अपने नाम किया। जिसके बाद भारतीय टीम के अंदर एक नया विश्वास जगा जिसका असर 2002 में इंग्लैंड में भी देखने को मिला। इंग्लैंड को 325 रन की पीछा करके हराया और नेटवेस्ट सीरीज में जीत हासिल की। उसके बाद 2003 में वर्ल्ड कप फाइनल तक गए।

हमारा विश्लेषण

बॉर्डर-गवास्कर ट्रॉफी 2001 के कोलकाता टेस्ट को लेकर सौरव गांगुली ने किया ये चौकाने वाला खुलासा, जिससे अब तक सब थे अनजान 8

सौरव गांगुली के साथ-साथ हम भी मानते हैं कि भारत की टीम 2001 में उस एक मैच के बाद बदल गई थी। भारतीय टीम को वहां से जीत की आदत लगी और घरेलू पिचों के साथ-साथ भारत ने विदेशी पिचों पर भी जीत का स्वाद चखना शुरू किया। भारतीय टीम का क्रिकेट भविष्य वहां से सुनहरा लगने लगा था।

सौरव गांगुली के बाद धोनी के रूप में भारत को सबसे सफल कप्तान मिला और भारतीय टीम दुनिया की नंबर वन टीम बनी। दादा और धोनी की विरासत को अब विराट कोहली आगे बढ़ा रहे हैं और उनकी नेतृत्व में भी भारतीय टीम इस वक्त दुनिया की नंबर वन टीम है।

आज हम ये कह सकते हैं कि 2001 के दौर में जिस तर ऑस्ट्रेलिया की टीम से बाकी टीमों को डर लगता था वैसा ही डर अब भारतीय टीम से दूसरी टीमों को लगता है। इस मंजिल पर पहुंचने की शुरुआत सौरव गांगुली ने ही की थी, जिसका विस्तृत ज्रिक आपको उनकी आत्मकता A CENTURY IS NOT ENOUGH  में मिल जाएगी।