गौतम गंभीर के कोच संजय भरद्वाज ने बताई गंभीर की सबसे यादगार पारी 1

क्रिकेट कोच संजय भारद्वाज को द्रोणाचार्य अवार्ड मिलने वाला है। दिल्ली के संजय में क्रिकेट के कई बड़े खिलाड़ियों को कोचिंग दी है। इसमें भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर, लेग स्पिनर अमित मिश्रा, ऑलराउंडर जोगिन्दर शर्मा के वह कोच रहे हैं। अंडर-19 विश्व कप विजेता कप्तान उन्मुक्त चंद और 2018 अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम के सलामी बल्लेबाज मनजोत कालरा ने भी उन्हीं से क्रिकेट के गुर सीखे हैं।

अपने खिलाड़ियों पर गर्व

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संजय भारद्वाज से क्रिकेट सिखने वाली कई खिलाड़ी विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा रहे हैं। हिंदुस्तान टाइम्स को दिया इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि कोच के रूप में उन्हें सबसे ज्यादा गर्व कब हुआ? इसपर उन्होंने कहा

“यदि आप कोच के रूप में मेरे सबसे गर्व क्षण के बारे में बात करने के लिए कहते हैं, तो यह थोड़ा अनुचित होगा क्योंकि सभी बच्चे मेरे लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। लेकिन हां, जब भी मेरे बच्चे आगे बढ़े हैं और देश के लिए विश्व कप जीते हैं – गंभीर 2007 (वर्ल्ड टी-20) और 2011 में, जोगिंदर (2007 वर्ल्ड टी-20), उन्मुक्त चंद (2012 अंडर-19 विश्व कप) और मंजुल कालरा (2018 अंडर-19 विश्व कप) – जिसने मुझे गौरवान्वित किया है।”

यह सबसे खास

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संजय भारद्वाज के लिए विश्व कप 2011 के फाइनल में खेली गई गौतम गंभीर की पारी सबसे खास है। इसके बावजूद अन्य खिलाड़ियों के प्रदर्शन को कम नहीं मानते हैं। उन्होंने आगे कहा

“मैं कहूंगा कि गंभीर ने भारत को 2011 विश्व कप शानदार जीत दिलाई। वह रात खास थी। लेकिन फिर, मैं आपको बताऊंगा कि 2007 टी- 20 जीत जब गंभीर और जोगिंदर ने इतना अच्छा प्रदर्शन किया, वह भी खास है। 2012 के अंडर-19 में उन्मुक्त के कप्तान के रूप में किया था।”

नितीश राणा पर भी बोले

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युवा बल्लेबाज नितीश राणा ने आईपीएल और घरेलू मैचों में लगातार बेहतरीन खेल दिखाया है और वह भी संजय भारद्वाज से ही क्रिकेट का गुर सीखते हैं। राणा के बारे में उन्होंने कहा

“वह वास्तव में अच्छा कर रहा है और मुझे लगता है कि वह भारतीय टीम में जगह बनाने के बहुत करीब है। लेकिन वह कुछ भी नहीं बदलता है। उन्हें दुनिया द्वारा एक सेलिब्रिटी माना जा सकता है, लेकिन मेरे लिए वह अभी भी मेरे छात्र हैं और मेरा काम उनका मार्गदर्शन करना है।”