विस्फोटक क्रिकेट खेलने में जिन खिलाड़ियों का नाम सबसे पहले आता है, उनमे एक नाम निश्चित तौर पर ग्लेन मैक्सवेल का होता है. ग्लेन मैक्सवेल ऐसे खिलाड़ी हैं, यदि वो मैदान पर ज्यादा देर टिक जाएं तो किसी भी अच्छे गेंदबाज का करियर ख़त्म करने का दम रखते हैं. मैच के अंतिम समय में किसी भी कप्तान के लिए सबसे बेहतरीन बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल ही होते हैं, जो मैदान के चारो तरफ शॉट खेल सकते हैं. मैक्सवेल के लिए साल 2017 उतर चढ़ाव भरा रहा है. मैक्सवेल तेसर टीम में अंदर बाहर होते रहे, लेकिन मैक्सवेल ने एक बयान देते हुए कहा है कि वह टेस्ट टीम में एक बार फिर वापसी करना चाहते हैं.
एशेज में मौक़ा मिलने के बाद भी हुए बाहर-
ग्लेन मैक्सवेल का भारत दौरे पर प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था. मैक्सवेल को एशेज सीरीज के लिए भी नहीं चुना गया. उनके स्थान पर मार्श भाइयों को चुना गया. शॉन मार्श और मिशेल मार्श ने निचले क्रम में जब भी मौके मिले भुनाए. हालांकि, एशेज से बाहर किए गये मैक्सवेल के लिए एक मौक़ा तब आया जब एशेज के पहले मैच से कुछ समय पहले टीम के सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर चोटिल हो गये, इसके बाद ग्लेन मैक्सवेल को टीम में शामिल किया गया, लेकिन मैच शुरू होने से पहले वार्नर पूरी तरह फिट हो गये, और ग्लेन के हाँथ से मौका चला गया.
शेफील्ड में कूटे रन-
इसके बाद उन्होंने शेफील्ड शील्ड ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने 5 मैचों में 590 रन बनाए, एक मैच मे उन्होंने 278 रन मारे. उन्होने सीरीज में 73.75 की औसत से रन बनाए.
मैंने अपनी खामियों पर किया है काम-
ग्लेन मैक्सवेल ने एबीसी ग्रैंडस्टैंड से बात करते हुए कहा, मुझे लगता है, मेरे बल्लेबाजी तकनीक और खेलने के अंदाज में कुछ खामियां थी और मेरे पास अवसर था, कि मैं शेफील्ड शील्ड ट्रॉफी में अपनी कमियों को दूर कर सकूं. इसी लिए मैं शेफील्ड शील्ड में सफल रहा क्योंकि मैंने इसमें उन कमियों को दूर कर के बल्लेबाजी की.