भारतीय टीम के युवा बल्लेबाज हनुमा विहारी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट में शानदार बल्लेबाजी की प्लेइंग इलेवन में रोहित शर्मा और हनुमा विहारी में किसी एक को ही मौका मिल सकता था और टीम मैनेजमेंट ने विहारी को मौका देना का फैसला किया. इसकी वजह थी कि वह जरूरत पड़ने पर कुछ ओवर की गेंदबाजी भी कर सकते थे.
मनन वोहरा के कारण हनुमा विहारी को टीम में मिली जगह
हनुमा विहारी अंडर-19 विश्व कप 2012 में भारतीय टीम का हिस्सा थे. इस टीम ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर विश्व कप भी अपने नाम किया था हालाँकि, विहारी टीम में चुने जाने की पहली पसंद नहीं थे.
किंग्स इलेवन पंजाब समेत आईपीएल की कई टीमों के लिए खेल चुके मनन वोहरा की जगह उन्हें विश्व कप टीम में जगह मिली थी. वोहरा ने अपना अंगूठा चोटिल कर लिया था और इसके बाद विहारी को विश्व कप खेलने का मौका मिल गया.
किस्मत ने दिया हरदम से साथ
अपने डेब्यू टेस्ट में ही इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने तीन विकेट लिए थे. इसमें अंतिम टेस्ट खेल रहे एलिस्टर कुक का भी विकेट शामिल था.
ऑस्ट्रेलिया में सलामी बल्लेबाजों के फ्लॉप होने के बाद उन्होंने बॉक्सिंग डे टेस्ट में पारी की शुरुआत की थी और 68 गेंदों का सामना करके 8 ही रन बनाये लेकिन नये गेंद के खिलाफ खड़े रहने के लिए कप्तान विराट ने उनकी जमकर तारीफ की थी.
हनुमा विहारी बन गए टीम के प्रमुख खिलाड़ी
विहारी हाल ही में एंटीगुआ में वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट में एक बार फिर अपनी टीम के बचाव में आए. दोनों पारियों में, उन्होंने भारत को हार से बचाया और अजिंक्य रहाणे के साथ उपयोगी साझेदारी की. उन्होंने पहले 32 रन बनाकर रहाणे के साथ 82 रन जोड़े (81) और फिर 93 के साथ दूसरे निबंध में रहाणे (102) के साथ 135 रन जोड़े.
उनके पास अपने पहले टेस्ट शतक को दर्ज करने का एक शानदार मौका था, लेकिन टीम के स्कोरिंग में तेजी लाने की कोशिश करते हुए, वह अपना विकेट दे बैठे, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पहला साल पूरा करने के साथ ही, 25 वर्षीय विहारी भारत के टेस्ट सेट-अप यानी कि भारत के टेस्ट टीम के प्रमुख सदस्य बन गए हैं.