हनुमा विहारी ने बताया विदेशी दौरे पर उन्हें हो रही है ये परेशानी 1

भारतीय टीम के मध्यक्रम के बल्लेबाज हनुमा विहारी ने वेस्टइंडीज दौरे पर बेहतरीन बल्लेबाजी की और टेस्ट सीरीज में ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी रहे। विहारी ने पिछले साल इंग्लैंड दौरे पर अपना टेस्ट डेब्यू किया था और पहली ओवल टेस्ट की पहली ही पारी में अर्धशतक बनाया। उसके बाद से वह लगातार टीम में बने हुए हैं।

कैसा रहा अब तक का सफर?

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हनुमा विहारी के लिए टेस्ट करियर का पहला एक साल चुनौतियों से भरा रहा है। उन्होंने अभी तक घर में कोई मैच नहीं खेला है। सलामी बल्लेबाजों के खराब फॉर्म की वजह से उन्हें बॉक्सिंग डे टेस्ट में सलामी बल्लेबाजी  भी करनी पड़ी। इन सब के बारे में टाइम्स नाउ से बात करते हुए उन्होंने कहा

“सभी जगह अलग- अलग चुनौतियां रही हैं और घर से बाहर खेलना चुनौतिपुर्ण होता ही है। इंग्लैंड में डेब्यू करना और फिर ऑस्ट्रेलिया- वेस्टइंडीज में खेलना चुनौती भरा था। मैं पिछले 6 टेस्ट मैचों में खिलाड़ी के रूप में काफी बेहतर हुआ हूँ। ऑस्ट्रेलिया से वेस्टइंडीज तक, यह मेरे लिए बड़ी चुनौती थी। मैं 6 महीने मैदान से दूर रहा और अपने खेल पर काम किया।”

नंबर 6 भी चुनौतियों से भरा

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हनुमा विहारी टेस्ट मैचों में नंबर 6 पर बल्लेबाजी करते हैं। यहाँ बल्लेबाजी करने वाले बल्लेबाजों को निचले क्रम के साथ काफी खेलना पड़ता है और उन्हें बचने की भी जिम्मेदारी होती है।

भारत के लिए वीवीएस लक्ष्मण बखूबी ऐसा किया करते थे। उसके बाद से टीम लगातार इस नंबर को लेकर जूझती रही है। विहारी ने वेस्टइंडीज में निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ अच्छी साझेदारी बनाई और इस बारे में उन्होंने कहा

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“जब आप बल्लेबाजों के साथ खेल रहे होते हैं तो आपके पास अपने तरीके से बल्लेबाजी करने का पूरा समय होता है। लेकिन निचले क्रम के साथ आपको उन्हें बचाने के साथ ही रन भी बनाना होता है। जब मैं निचले क्रम के बल्लेबाज के साथ खेलता हूँ तो रन बनाने के साथ ही ज्यादा स्ट्राइक अपने पास रखना चाहता हूँ। नंबर 6 पर बल्लेबाजी के दौरान कई बार आप अच्छी स्थिति में होते हैं और कई बार आपको टीम को परेशानी से निकालना पड़ता है।”