भारतीय क्रिकेट इतिहास के दिग्गज ऑफ स्पिन गेंदबाज रहे हरभजन सिंह ने हाल ही में क्रिकेट करियर को अलविदा कह दिया है। हरभजन सिंह ने पिछले ही दिनों 41 साल की उम्र में संन्यास का ऐलान किया है। जिसके बाद से वो एक के बाद एक इंटरव्यू दे रहे हैं जहां कई बातें साझा कर रहे हैं।
हरभजन सिंह को 2011 के बाद किया जाता रहा अंदर-बाहर
हरभजन सिंह भारत के एक सबसे सफलतम ऑफ स्पिन गेंदबाज रहे हैं। लेकिन साल 2011 के वनडे विश्व कप के बाद से हरभजन सिंह को ज्यादातर समय बाहर ही रहना पड़ा। भज्जी को 2016 के बाद से कोई मैच खेलने को ही नहीं मिला है।
तो वहीं हरभजन सिंह के 2011 के बाद के करियर पर नजर डाले तो उन्हें महज 10 टेस्ट और 10 वनडे मैच खेलने का ही अवसर मिल सका। भज्जी को लगातार अंदर-बाहर किया जाता रहा। जिससे वो काफी परेशान भी रहे।
भज्जी का खुलासा, धोनी से पूछा बाहर करने का कारण, नहीं मिला जवाब
हरभजन सिंह संन्यास के बाद अब अपनी बात सामने रख रहे हैं। जिसमें उन्होंने एक बहुत ही बड़ा खुलासा किया है। भज्जी का मानना है कि उन्होंने टीम से बाहर किए जाने के कारण को कई बार जानने की कोशिश की लेकिन उन्हें इसका सटिक जवाब नहीं दिया गया।
भारतीय टीम से जब भज्जी को उस दौरान बाहर किया जाता रहा, तब टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी थे, भज्जी ने सीधे तौर पर महेन्द्र सिंह धोनी का नाम लेते हुए बताया कि उन्होंने कप्तान धोनी से कई बार इस सवाल के जबाव को जानने की कोशिश की। लेकिन उन्हें जवाब नहीं मिला।
मैंने कई बार धोनी से सवाल का मांगा जवाब
हरभजन सिंह ने इंडिया टीवी पर बातचीत करते हुए कहा कि “मैंने कप्तान धोनी से इसको लेकर सवाल करने की कोशिश की थी, लेकिन मुझे जवाब नहीं मिला। फिर मुझे समझ में आया कि कोई पॉइंट तो है इस तरह के बर्ताव को लेकर बार-बार सवाल करने का अगर सामने से जवाब ना आ रहा हो। ऐसी स्थिति में आपको सवाल करना छोड़ देना चाहिए।”
आपको बता दें कि हरभजन सिंह को अपने करियर में शानदार सफलता के बाद भी 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी और 2015 के वनडे विश्व कप में जगह नहीं दी गई, तो वहीं उन्हें भारत की जर्सी में अंतिम बार 2016 में खेलने का मौका मिला। भज्जी ने वापसी के लंबे इंतजार के बाद संन्यास लिया।