अगर इन दिनों भारतीय क्रिकेट का कोई खिलाड़ी तेजी से क्रिकेट में अपनी पहचान बना रहा है और सबसे ज्यादा सुर्खियों में छाया हुआ है, तो वह निश्चित रूप से हार्दिक पंड्या ही है.
हार्दिक पंड्या अपने ऑलराउंड खेल से क्रिकेट की दुनिया में अपना नाम बुलंदियों के शिखर पर पहुंचाते ही जा रहे है और उनकी तुलना देश के महान ऑलराउंडर कपिल देव से तक की जा रही है.
2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था अपना डेब्यू
हार्दिक पंड्या ने अपना डेब्यू ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच में 2016 में किया था. हालाँकि यह मैच उनके लिए बहुत ज्यादा अच्छा नहीं रहा था और वह अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर के पहले ही ओवर में 21 रन लुटा बैठे थे.
डेब्यू मैच का एक दिलचस्प वाकया किया शेयर
अपने डेब्यू मैच से ही जुड़ा एक किस्सा हार्दिक पंड्या ने गौरव कपूर के टीवी शो ‘ब्रेक फ़ास्ट विथ चैंपियंस’ में भी बयां किया है.
पहला ओवर खराब होने के बाद दुसरे ओवर के लिए पूछा था माही भाई ने
हार्दिक पंड्या ने अपने डेब्यू मैच का किस्सा बताते हुए कहा, “मैं जब अपना अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू मैच का पहला ओवर कर रह था, तो मेरे पहले ओवर में कुल 21 रन बने. मेरा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का पहला ओवर मेरे लिए एक डरावने सपने की तरह था.
मैं बहुत निराश था और समझ नहीं आ रहा था क्या करना है, लेकिन मुझे माही भाई ने कहा आ और “दूसरा ओवर भी डाल” इसके बाद मेरी दुसरे ओवर की पहली ही गेंद पर भी छक्का लग गया. मैं अब अपने 1.1 ओवर में 27 रन दे चुका था, लेकिन इसके बाद मैंने अपनी बाकि की 11 गेंदों में 10 रन ही दिए और दो महत्वपूर्ण विकेट लिए. उसके बाद धोनी ने मुझे तो कुछ नहीं कहा था, लेकिन मुझे आज भी याद है, कि उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि मुझे पता था, कि हार्दिक ने जैसा पहला ओवर कराया वह उससे बहुत ज्यादा बेहतर गेंदबाज है.”
अति उत्साह में कर बैठा था कुछ गलत
हार्दिक पंड्या ने अपने डेब्यू मैच का किस्सा आगे बताते हुए कहा, क्रिस लिन ने ही मेरे पहले ओवर में 21 रन बनाये थे और मैंने उसके बाद उनको ही आउट किया मैं बहुत ज्यादा उत्साहित हो गया था और अपने अतिउत्साह में कुछ गलत कर बैठा था.
इसके बाद माही भाई ने मुझे बताया कि ‘आप आखिरी बार यह काम कर रहे हैं, क्योंकि ऐसा करने से आप पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा और टीम एक खिलाड़ी खो देगी, इसलिए हम नहीं चाहते हैं. कि आप आईसीसी आचार संहिता की चेतावनी प्राप्त करे. मैंने उनकी बात को सोचा और मुझे अपनी गलती का अहसास हो गया और मैं अपनी मैच फ़ीस में भी कटौती नहीं चाहता था, क्योंकि मैं बहुत मुश्किल से भारतीय टीम का हिस्सा बना था.”