भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए दूसरे टी-20 मुकाबले को हार्दिक पांड्या की बदौलत टीम इंडिया ने जीत लिया है. लेकिन शानदार फॉर्म में दिखाई दे रहे हरफलमौला खिलाड़ी को टेस्ट सीरीज में शामिल नहीं किया गया है. वनडे सीरीज से लेकर टी-20 मैचों में तहलका मचाने वाले पांड्या लगातार छाए हुए हैं. ऐसे में कहीं न कहीं उन्हें फैंस उन्हें टेस्ट सीरीज में भी देखना चाहते हैं. इन दिनों उनका बल्ला जमकर रन उगल रहा है.
दूसरे टी-20 में हार्दिक के बल्ले से हुई रनों की बरसात
टेस्ट श्रृंखला में पांड्या को जगह नहीं दी गई है. लेकिन देखा जाए तो आखिरी वनडे मैच और टी-20 का खिताब भारत को जिताने में उन्हीं का सबसे बड़ा योगदान रहा है. ऐसे में यदि टीम मैनेजमेंट चाहे कि उन्हें टेस्ट सीरीज के लिए टीम के साथ रूकना चाहिए तो इसमें उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, ये बात वो अपने बयान में भी स्पष्ट कर चुके हैं. जिस तरह से ऑलरांउडर खिलाड़ी इन दिनों मैच को फिनिश कर रहे हैं उसे देखकर तो यही लग रहा है कि, लॉकडाउन में उन्होंने सबसे ज्यादा इसी पर काम किया है.
टेस्ट सीरीज में शामिल होने को लेकर पांड्या ने कही ये बात
पीठ की सर्जरी के बाद टीम में वापसी करके लौटे हार्दिक पांड्या ने अभी तक सही मायने में गेंदबाजी शुरू नहीं की है. लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीमित ओवर के मैचों में उनके बल्ले से जमकर रन निकले हैं. दूसरा टी-20 मैच खत्म होने के बाद जब हार्दिक पांड्या से ये सवाल किया गया कि, क्या वो 17 दिसंबर से शुरू होने वाली चार मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए टीम के साथ रूकना पसंद करेंगे, तो इसके जवाब में उन्होंने कहा,
‘ये अलग तरीके का मुकाबला है. मुझे लगता है कि मुझे इसमें शामिल होना चाहिए. मेरा कहने का तात्पर्य ये है कि मुझे रूकने में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन अंत में ये फैसला मैनेजमेंट पर है. इसलिए हां, मुझे नहीं लगता कि मैं इसके बारे में ज्यादा कुछ कह सकता हूं’.
लॉकडाउन में मैच फिनिश करने पर दिया ध्यान
आगे बात करते हुए हार्दिक पंड्या ने ये भी कहा कि, कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन के वक्त में उन्होंने जरूरत के समय मैच फिनिश करने की महारत हासिल करने पर सबसे ज्यादा काम किया. जिसका अंदाजा उनके सिडनी में खेले गए दूसरे टी-20 मैच को देखकर लगाया जा सकता है. 22 गेंद में उन्होंने नाबाद 42 रन की तूफानी पारी खेली. मैच खत्म होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हार्दिक पांड्या ने कहा कि,
‘लॉकडाउन के वक्त में मैं जरूरत के समय मैच फिनिश करने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करना चाहता था. मेरे लिए ये मायने नहीं रखता कि मैं मुकाबले में ज्यादा रन जुटाऊं या नहीं. मैं ऐसे कई बार इन परिस्थितियों का सामना कर चुका हूं और उन्हीं चीजों से मैनें सीख ली है. मैं आत्मविश्वास के साथ खेलता हूं और अपने आपको प्रेरित करता हूं और ज्यादा आत्मविश्वासी भी नहीं बनता.’