अभी हाल में ही बीसीसीआई के ऊपर फेमा के उल्लंघन के आरोप में 121 करोड़ के जुर्माने के बाद मद्रास उच्च न्यायालय ने चेन्नई सुपर किंग्स की फ्रेंचाइजी इंडिया सीमेंट की भी याचिका ख़ारिज कर दी. दो साल के निलंबन के बाद चेन्नई सुपर किंग्स टीम आईपीएल 11 में वापस आई थी. वापसी इतनी जबरदस्त थी कि पूरे आईपीएल में चेन्नई का ही शोर नजर आया और उसने आईपीएल खिताब को भी अपने नाम किया.
मंगलवार को मद्रास उच्च न्यायालय ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के कथित उल्लंघन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से जारी समन को चुनौती देने वाली आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स की फ्रेंचाइजी इंडिया सीमेंट की पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी.
जानिये फेमा क्या है ?
फेमा का महत्वपूर्ण लक्ष्य विदेशी मुद्रा से संबंधित सभी कानूनों का संशोधन और एकीकरण करना है. इसके अलावा फेमा का लक्ष्य देश में विदेशी भुगतान और व्यापार को बढ़ावा देना, विदेशी पूँजी और निवेश को देश में बढ़ावा देना ताकि औद्योगिक विकास और निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके. फेमा भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के रखरखाव और सुधार को प्रोत्साहित करता है.
न्यायमूर्ति के के शशिधरन और न्यायमूर्ति आर सुब्रमण्यन की पीठ ने दो मार्च 2017 को न्यायमूर्ति बी राजेंद्रन की एकल पीठ की ओर से दिए गए फैसले को बरकरार रखते हुए इंडिया सीमेंट की याचिका खारिज कर दी.
एकल पीठ ने चार नवंबर 2016 को अपने फैसले में ईडी की ओर से जारी समन को लेकर हस्तक्षेप करने से इन्कार करते हुए याचिकाकर्ता से 24 नवंबर 2016 को ईडी के समक्ष पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए कहा था.
इंडिया सीमेंट के कार्यकारी अध्यक्ष टी एस रघुपति और उपाध्यक्ष (वित्त एवं कर) आर हरिहर सुब्रमण्यन ने फेमा उल्लंघन मामले में कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवास और अन्य बड़े अधिकारियों को जांच के लिए उपस्थित होने संबंधी ईडी के समन को न्यायालय में चुनौती दी थी.
2009 में चेन्नई सुपर किंग्स ने दक्षिण अफ्रीका में आयोजित आईपीएल मैचों के दौरान फेमा का कथित रूप से उल्लंघन किया था। जिसके बाद से ही इस मामले पर सुनवाई चल रही है.
अभी हाल में ही प्रवर्तन निदेशालय ने बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन, पूर्व आईपीएल आयुक्त ललित मोदी और अन्य अधिकारियों पर वर्ष 2009 के इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के संस्करण के दौरान फेमा कानून का उल्लंघन करने के आरोप में 121 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था।