भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 टेस्ट मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी का चौथा और आखिरी मैच ब्रिसबेन के गाबा मैदान पर खेला जा रहा है. कई प्रमुख खिलाड़ियों के चोटिल होने की वजह से भारतीय टीम की तरफ़ से इस मैच में युवा तेज़ गेंदबाज़ टी नटराजन और युवा ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर को अपना टेस्ट डेब्यू करने का मौका मिला.
हालांकि ये भारतीय टीम मैनेजमेंट की कोई रणनीति नहीं बल्कि एक मजबूरी थी. जिसकी एक बड़ी वजह कई मुख्य खिलाड़ियों का चोटिल होना भी है. तीसरे टेस्ट में नटराजन और सुंदर के डेब्यू के साथ मेहमान भारतीय टीम के नाम 143 के टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में एक अनोखा रिकॉर्ड भी जुड़ गया है.
143 साल में भारतीय टीम के नाम हुआ ये रिकॉर्ड
ब्रिसबेन टेस्ट के शुरु होने से पहले ही भारतीय टीम काफ़ी परेशानियों से जूझ रही थी. एक के बाद एक सीनियर खिलाड़ियों के चोटिल होने की वजह से अभी तक टेस्ट सीरीज़ में कई युवा क्रिकेटर भारतीय टीम की ओर से अपना टेस्ट डेब्यू कर चुके हैं. इसी फ़ेहरिस्त में ब्रिसबेन टेस्ट के दौरान 2 नए नाम जुड़े हैं टी नटराजन और वॉशिंगटन सुंदर के.
भारतीय टीम मैनेजमेंट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ जारी इस बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के 4 मैचों में अभी तक 20 खिलाड़ियों को मैदान पर खेलने का मौका दे चुका है. टेस्ट क्रिकेट के 143 साल के इतिहास में ये भी अपने आप में एक रिकॉर्ड के तौर पर दर्ज हो चुका है.
इससे पहले इंग्लैंड ने खिलाए थे 18 खिलाड़ी
टेस्ट क्रिकेट के अभी तक के इतिहास में ये पहला मौका है जब किसी टीम ने एक सीरीज़ के दौरान अपने इतने खिलाड़ियों को मैदान पर उतरने वाले 11 खिलाड़ियों में जगह दी है. इससे पहले ये रिकॉर्ड इंग्लैंड के नाम है. जो उनके साथ अब से लगभग 7 साल पहले हुआ था.
वाक़या 2013-14 सत्र की एशेज़ सीरीज़ के दौरान का है जब इंग्लिश टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ अपने 18 खिलाड़ी मैदान पर उतारे थे. उस दौरान इंग्लैंड को भी उस सीरीज़ में बेंच पर बैठे लगभग सभी खिलाड़ियों को आजमाना पड़ा था. उसके बाद भारतीय टीम ने इस मामले में अब इंग्लैंड को भी पीछे छोड़ दिया है.
अभी तक भारत के लिए 301 क्रिकेटर खेल चुके हैं टेस्ट क्रिकेट
भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ़ 1932 में अपना पहला टेस्ट मैच खेला था.उस वक़्च से लेकर अब तक भारत के लिए 301 क्रिकेटर टेस्ट मैच खेल चुके हैं. टी नटराजन को भारत को 300वें टेस्ट क्रिकेटर, तो वहीं वॉशिंगटन सुंदर को 301वें टेस्ट क्रिकेटर के तौर पर अपने अंतरराष्ट्रीय टेस्ट करियर की शुरुआत करने का मौका मिला.