भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का तीसरा टेस्ट मैच गुरुवार 7 जनवरी को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर शुरू हुआ. सीरीज 1-1 की बराबरी पर होने के दोनों टीमों का एक दूसरे एक बार फिर सामना था. सिडनी टेस्ट क्रिकेट प्रेमियों के लिए कई मायनों में यादगार बन चुका है.
युवा खिलाड़ी नवदीप सैनी का डेब्यू तो वहीं इसके अलावा भी तीसरे टेस्ट मैच के पहले दिन कुछ ऐसी घटनाएं थी जिनके लिए इस टेस्ट मैच को एक एतिहासिक मौके के तौर पर याद रखा जाएगा. न सिर्फ मैदान पर खेलने वाले खिलाड़ी बल्कि उसके अलावा भी इस मैच में कुछ कीर्तिमान स्थापित हुए।
पुरुषों के मैच में अंपायरिंग करने वाली पहली महिला बनी क्लेयर पोलोसाक
टेस्ट क्रिकेट के 144 सालों के इतिहास में पुरुष क्रिकेट में अभी तक हर पद पर पुरुषों को ही देखा गया है. लेकिन सिडनी टेस्ट में उस वक़्त इतिहास बन गया जब पुरुषों में महिला अंपायर के तौर पर मौजूद थी. ऑस्ट्रेलिया की क्लेयर पोलोसाक ऐसी पहली महिला बन चुकी हैं जिसे टेस्ट क्रिकेट में अंपायरिंग करने का मौका मिला.
32 साल की क्लेयर की भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट मैच में चौथे अंपायर के तौर पर नियुक्त किया गया था. टॉस के समय वो दोनों टीम के कप्तान और मैच रेफरी के साथ खड़ी हुई नजर आई।
इससे पहले मैदानी अंपायरिंग की भूमिका में भी आ चुकी हैं नज़र
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने क्लेयर को इस ऐतहासिक मौके पर बधाई दी. टेस्ट क्रिकेट ही नहीं बल्कि वन डे क्रिकेट में भी अंपायरिंग करने वाली पहली अंपायर पोलोसक ही हैं. 2019 में हुई वर्ल्ड क्रिकेट लीग डिवीजन 2 के फाइनल के दौरान उनको बतौर ऑफिशियल नियुक्त किया गया था. लीग के इस फाइनल मुकाबले में नामीबिया और ओमान की टीम एक दूसरे के सामने थी.
2018 में वूमेंस बिग बैश लीग के दौरान मेलबर्न स्टार्स और एडीलेड स्ट्राइकर्स के बीच हुए मैच में क्लेयर पोलोसाक और इलोसे शेरिडन मैदानी अंपायर के तौर पर उतरने वाली पहली महिलाएं बनी थी.
मेजबान देश ही चुनता है चौथा अंपायर
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहे सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज पॉल विल्सन और पॉल रिफेल मैदानी अंपायर के अंपायर की भूमिका में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ब्रूस ओक्सेनफोर्ड इस मैच के टीवी अंपायर हैं.
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई ओपनर डेविड बून इस मैच के दौरान मैच रेफरी को भूमिका में नजर आएंगे. आईसीसी के नियमों के चलते मेजबान देश का क्रिकेट बोर्ड अपने अंतरराष्ट्रीय अंपायर्स के पैनल से ही चौथा अंपायर चुनता है.