भारत के उप कप्तान अजिंक्य रहाणे ने श्रीलंका के खिलाफ शुक्रवार को 132 रन की अपनी पारी को स्पिन की अनुकूल पिच पर अपनी सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक बताया और उन्होंने बाकी बचे दूसरे टेस्ट में बल्लेबाजों की मुश्किलों का सामना करने की भविष्यवाणी की. श्रीलंका के खिलाफ जारी दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद अजिंक्य रहाणे ने कहा कि बल्लेबाजी के दौरान उनका ध्यान श्रीलंकाई गेंदबाजों पर हावी होने पर था. रहाणे ने इस मैच में 132 रनों की पारी खेली. वह मैच के दूसरे दिन पहले सत्र में पवेलियन लौटे. उन्होंने चेतेश्वर पुजारा के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 217 रनों की साझेदारी की.
हेराथ को घेरने का था प्लान-
इस सीरीज का भारत का मजबूत पक्ष श्रीलंका के स्पिनरों विशेषकर रंगना हेराथ का सामना करना रहा और रहाणे ने कहा कि मेजबान टीम के स्पिनरों से निपटने के लिए उनके पास रणनीति थी. उन्होंने कहा, “जब हम पिछली बार यहां श्रीलंका के खिलाफ खेले थे, विशेषकर गॉल टेस्ट के बाद, हमने फैसला किया था, कि हेराथ के खिलाफ फुटवर्क का इस्तेमाल बेहद महत्वपूर्ण है. इसलिए उसके और उनके स्पिनरों के खिलाफ हम फुटवर्क का इस्तेमाल करना चाहते थे, जिससे कि बैकफुट पर अधिक रन बना सकें.”
शतक न जड़ने का मलाल नही था-
श्रीलंका के खिलाफ धमाकेदार शतक जड़ने वाले रहाणे ने कहा, “यह महत्वपूर्ण शतक है, लेकिन मैं आश्वस्त था. यहां तक कि नौ से 10 टेस्ट में शतक नहीं जड़ने के बावजूद मैं आत्मविश्वास से भरा था. मुझे पता था कि अगर मैं जम जाऊंगा तो बड़ी पारी खेलूंगा. यह इस पूरे समय के दौरान सकारात्मक सोच बनाए रखना था.”
रहाणे ने कहा, “श्रीलंका आने से पहले मैं वेस्टइंडीज में अच्छी बैटिंग कर रहा था, इसलिए मैं इस फॉर्म को आगे बढ़ाना चाहता था. मैंने फैसला किया कि अगर मैं सकारात्मक बल्लेबाजी करता हूं तो इसे बड़ी पारी में बदल सकता हूं.”
पुजारा के साथ लम्बी बैटिंग थी टीम की रणनीति का हिस्सा-
रहाणे ने कहा कि पुजारा के साथ दोहरी शतकीय साझेदारी करना टीम की रणनीति थी. उन्होंने कहा, “यह स्पिन की मददगार विकेट है और हम अच्छी साझेदारी चाहते थे. मैं कल विराट से लंच ब्रेक से पहले ड्रेसिंग रूम में बात कर रहा था कि अगर हम 150-200 रनों की साझेदारी कर लेते हैं, तो श्रीलंका बैकफुट पर होगी और यही हुआ. मेरे और पुजारा के बीच साझेदारी हुई.”