ऑस्ट्रेलिया की टीम अपने अच्छे खेल के साथ साथ अपनी गलत हरकतों की वजह से सुखियों में रहती हैं. मैदान पर वो हमेशा से अपने विपक्षी खिलाड़ियों को लगातर छेड़ते रहते है, लेकिन आज हम आपको ऑस्ट्रेलिया की उस हरकत के बारे में बताएँगे, जहाँ ऑस्ट्रेलिया ने बदतमीजी की सारी हदें पार कर दी थी.
चैंपियंस ट्राफी में की थी बदतमीजी
2006 में ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार चैंपियंस ट्राफी में ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार चैंपियंस ट्राफी पर कब्ज़ा किया था. खिताबी जीत हासिल करने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम ने बदतमीजी की थी, जिसके बाद उनके व्यवहार की बहुत आलोचना हुई थी.
ये की थी बदतमीजी
(getty images)
चैंपियंस ट्राफी जीतने के बाद उस समय के ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पोंटिंग को ट्राफी लेने के लिए स्टेज पर बुलाया गया. रिकी पोंटिंग को ये ट्राफी उस समय के बीसीसीआई के अध्यक्ष शरद पवार को देनी थी. पोंटिंग ने मंच पर आते ही बदतमीजी करनी शुरू कर दी. उन्होंने ऊँगली दिखा कर शरद पवार से चैंपियंस ट्राफी मांगी, शरद पवार ने जब टीम के कप्तान रिकी पोंटिंग को चैंपियंस ट्राफी दे दी, तो उन्हें ऑस्ट्रलियाई खिलाड़ी डेमियन मार्टिन ने धक्का मार कर शरद पवार को स्टेज से नीचे उतरने को कहा, जिसके बाद पवार चुपचाप स्टेज से नीचे चले गए. जीत के नशे चूर ऑस्ट्रेलिया ने उस दिन बदतमीजी की सारी हदें पार कर दी थी.
मीडिया ने की थी ऑस्ट्रेलिया की आलोचना
ऑस्ट्रेलिया की इस हरकत के बाद मीडिया ने ऑस्ट्रलियन टीम की जमकर आलोचना की थी. जबकि बीसीसीआई बीसीसीआई के अध्यक्ष शरद पवार ने इस मामले को ज्यादा तूल नही दिया था. उन्होंने ऑस्ट्रलियन टीम के इस रवैये उन्होंने बचकाना करार दिया था. हालंकि उस दौरान मुख्य चयनकर्ता दिलीप वेंगसरकर ने ऑस्ट्रेलिया टीम की आलोचना थी. उन्होंने कहा था ऐसे हरकते सिर्फ अनपढ़ लोग ही करते हैं. अगर उन्हें फोटो लेने की इतनी ही जल्दी थी तो वो पवार से कह सकते थे, इस तरह के व्यवहार करने की क्या जरूरत थी.
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