देश में इनदिनों खेली जा रही रणजी ट्रॉफी में पृथ्वी शॉ ने धमाल मचाते हुए बड़ौदा के खिलाफ दूसरी पारी में एक विस्फोटक दोहरा शतक बनाया है. उन्होंने मात्र 174 गेंदो पर ही अपना यह दोहरा शतक पूरा कर लिया है. उन्होंने कुल 202 रन की पारी अपनी टीम के लिए खेली. अपनी इस पारी के दौरान उन्होंने 19 चौके और 7 छक्के लगाए हैं. उनकी इस पारी के दम पर मुंबई की टीम जीत हासिल करने में कामयाब रही है.
कुछ बड़ा करना होगा
पृथ्वी शॉ ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए अपने बयान में कहा, “जब में बल्लेबाजी कर रहा था, तो 200 रन का स्कोर मेरे दिमाग में नहीं था. मैं सिर्फ अपनी टीम के लिए ज्यादा से ज्यादा रन बनाना चाहता था. जब मैं 200 रन के करीब पहुंचा, तो मुझे लगा कि दोहरा शतक अपने नाम करने का सही समय आ गया है और ख़ुशी है कि मैं इसे अपने नाम करने में भी कामयाब रहा,
लोग शतक बनाते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि शतक बनाना आसान है, लेकिन अगर मैं कुछ करना चाहता हूं, तो मुझे कुछ बड़ा करना पडेगा.
पिता की सलाह ने मदद की
अपने बैन के समय की बात करते हुए पृथ्वी शॉ ने कहा, “जब मैं बैन हुआ था, तो सभी लोग मुझसे पूछते थे, कि ऐसा क्यों हुआ, कैसे हुआ? मैं इन सब सवालों से दुखी हो गया था. ऐसे में मेरे पिता ने मुझे कुछ वक्त विदेश में रहने की सलाह और उनकी इस सलाह ने मुझे काफी फायदा पहुंचाया है.”
भारतीय टीम में वापसी की सोच रहा
टीम में अपनी वापसी को लेकर अपने बयान में कहा, “मुझे लगता है कि यह दुनिया को दिखाने का सबसे अच्छा समय है कि मेरे पास किस तरह का खेल है. मेरा मानना है कि मैं अच्छा कर सकता हूं और चीजें मेरे रास्ते पर आ सकती है.
मैं ईमानदारी से कहू, तो मैं भारत की टीम में वापसी के बारे में सोच रहा हूं. मुझे टीम से ड्राप नहीं किया गया, लेकिन फिर भी टीम से बाहर हूं, निश्चित रूप से यह मेरे लिए एक अच्छा अहसास नहीं है.”