भारतीय टीम ने 2011 विश्व कप का फाइनल गौतम गंभीर की शानदार 122 गेंदों पर 97 रन की पारी के दम पर जीत लिया था. 275 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए गौतम गंभीर ने भारत के लिए एक मैच जीताऊ पारी खेली थी. उन्होंने अपनी पारी में 9 चौके लगाये थे, लेकिन वह शतक से मात्र 3 रन से चुक गए थे. इसी बीच उन्होंने 3 रन से फाइनल में शतक चुकने को लेकर एक बड़ा बयान दिया है.
उन 3 रनों का मुझे कोई अफ़सोस नहीं
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के एक पत्रकार ने जब गौतम गंभीर से पूछा, कि क्या आपकों विश्व कप 2011 के फाइनल मैच में शतक ना बनाने का मलाल है, तो इस बात का जवाब देते हुए भारतीय टीम के पूर्व ओपनर बल्लेबाज गौतम गंभीर ने कहा,
“हर्गिज नहीं, हमारा उद्देश्य विश्व कप जीतना था और मैं इसके लिए अपनी टीम में योगदान देना चाहता था और मैंने दिया भी, छोटे स्कोर की तुलना में 97 का स्कोर बेहतर है. आज भी मुझे शतक के लिए उन तीन रनों का कोई अफसोस नहीं है, क्योंकि हमारी टीम को उस मैच में जीत मिली थी.
तनाव महसूस ही नहीं हुआ
उन्होंने विश्व कप फाइनल मैच को याद करते हुए आगे अपने बयान में कहा,
“मुझे अपनी बल्लेबाजी को सोचकर तनाव में रहने का समय ही नहीं मिला, क्योंकि मुझे वीरेंद्र सहवाग के विकेट के नुकसान के तुरंत बाद बल्लेबाजी करने जाना पड़ा था और सहवाग काफी जल्दी आउट हो गए थे.
मेरे पास मैच की स्थिति के बारे में सोचने का समय नहीं था, इसलिए मुझे अपना स्वाभाविक खेल खेलने में मदद की, धीरे-धीरे रन आने शुरू हुए और मुझे तनाव महसूस ही नहीं हुआ था.”
आउट हुआ, तो टीम थी जीत की कगार पर
भारतीय टीम के पूर्व ओपनर बल्लेबाज गौतम गंभीर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा,
”जब मैं आउट हुआ तो भारतीय टीम लगभग जीत की कगार पर थी. माही (एमएस धोनी) और मैंने चौथे विकेट के लिए 109 रन जोड़े, शायद इस साझेदारी ने हमारी जीत को पक्का कर दिया था. यह मेरे लिए उस दिन आशीर्वाद था, कि मैने दबाव को महसूस नहीं किया.”