भारतीय टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने साल 2016 में भारत के लिए अपना पहला मैच खेला था। शुरुआत में उन्हें सफेद बॉल क्रिकेट का गेंदबाज माना जाता था, लेकिन 2018 में उन्होंने अपना टेस्ट डेब्यू किया। 12 टेस्ट में उनके नाम 62 विकेट हैं और वह टेस्ट में दुनिया के नंबर तीन गेंदबाज भी बन गये हैं।
टेस्ट खेलना चाहता था
जसप्रीत बुमराह का कहना है कि वह भारतीय टीम के लिए हमेशा टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहते थे। वह सिर्फ ऐसा गेंदबाज नहीं बनना चाहते थे, जो वनडे और टी-20 ही खेलता हो। एक कार्यक्रम में बात करते हुए उन्होंने कहा
“मेरे लिए, टेस्ट क्रिकेट बहुत महत्वपूर्ण था और मैं हमेशा टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहता था और ऐसा कोई क्रिकेटर नहीं बनना चाहता जिसने टी 20 और एकदिवसीय मैच खेले हो। मैंने टेस्ट क्रिकेट को बहुत महत्व दिया। मैं हमेशा से टेस्ट क्रिकेट में अपनी पहचान बनाना चाहता था।”
सपना सच होने जैसा था
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जनवरी 2018 ममे किये टेस्ट डेब्यू को जसप्रीत बुमराह ने सपना सच होने जैसा बताया है। उनका कहना है कि उन्होंने सिर्फ 12 टेस्ट मैच खेले हैं और यह सिर्फ शुरुआत ही है। इस बारे में दुनिया के नंबर तीन टेस्ट गेंदबाज ने कहा
“मुझे विश्वास था कि मैंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है, फिर मैं टेस्ट मैचों में इसे दोहरा सकता हूं। मेरी लिए अभी शुरू हुई है, बस 12 टेस्ट खेले हैं। जब मैंने दो साल के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के बाद दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था, यह एक सपना सच होने जैसा था।”
आउटस्विंगर से चौंकाया था
जसप्रीत बुमराह की गेंद हमेशा दाएं हाथ के बल्लेबाज को इनस्विंगर डालते थे लेकिन इंग्लैंड में आउट स्विंगर डालकर उन्होंने सभी को चौंका दिया था। इस बारे में उन्होंने बताया कि
“आउट- स्विंगर में मुझे महारथ हासिल नहीं है, लेकिन मेरे पास हमेशा आउट-स्विंगर था और इसका उपयोग नहीं किया। इंग्लैंड में खेलने से मुझे बहुत आत्मविश्वास मिला। ड्यूक बॉल लंबे समय तक स्विंग हुई और इससे मुझे काफी आत्मविश्वास मिला।”