पीसीबी कुछ महीने पहले ही बीसीसीआई पर समझौता ज्ञापन के अनुसार सीरीज ना खेलने को लेकर आईसीसी के पास चली गई थी और बीसीसीआई पर 70 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाने के चलते एक कानूनी याचिका दायर की थी.
आपको बता दे, कि 2014 के समझौता ज्ञापन के अनुसार पाकिस्तान और भारत के बीच 2015 से 2023 के बीच छह द्विपक्षीय सीरीज खेली जानी थी, लेकिन भारत ने अभी तक एक भी श्रृंखला नहीं खेली है, क्योंकि सरकार ने बीसीसीआई को पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट संबंधों को मंजूरी नहीं दी है.
पीसीबी ने बीसीसीआई पर कर दिया था केस
बीसीसीआई द्वारा सीरीज का आयोजन ना कराए जाने को लेकर अब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने बीसीसीआई के खिलाफ मुआवजे के दावे के मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के पास चली गई थी और पीसीबी ने अपनी ये समस्या आईसीसी की ‘विवाद समाधान समिति’ के सामने रखी थी.
आईसीसी ने बीसीसीआई के हक में सुनाया अपना फैसला
आपकों बता दे, कि बीसीसीआई और आईसीसी के बीच समझौता ज्ञापन के अनुसार सीरीज होने का फैसला आईसीसी ने बीसीसीआई के हक़ में सुनाया है.
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की दलीले आईसीसी ने सही नहीं मानी है और फैसला बीसीसीआई के हक में सुनाया है. साथ ही केस के दौरान बीसीसीआई के लगे पैसों का भी हर्जाना देने के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को कहा है.
60 प्रतिशत का हर्जाना भी देगा पीसीबी
आईसीसी के डिस्प्यूट पैनल ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को बीसीसीआई को हर्जाना देने का आदेश दिया है. आईसीसी के डिस्प्यूट पैनल ने बुधवार को अपना एक बयान जारी करते हुए कहा है, कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई द्वारा मांगी गई रकम का 60 प्रतिशत चुकाये.
गौरतलब है, कि बीसीसीआई ने पीसीबी के खिलाफ केस लड़ने के लिए 15 करोड़ के खर्च की मांग की थी. जिसमे से अब उसे 60 प्रतिशत रूपये पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से मिल जायेंगे. जो करीब 9 करोड़ की धनराशी होगी.
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