एडिनबर्ग: आईसीसी ने वार्षिक कांफ्रेंस सम्मलेन में अहम फैलसा लेते हुए अंपायरों के एलबीडब्ल्यू निर्णयों में बदलाव को स्वीकार कर लिया हैं. जिससे गेंदबाजों को फायदे मिलने की उम्मीद जताई जा रही हैं. अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में एलबीडब्ल्यू फैसला हमेशा से विवाद पैदा करते आये हैं. डीआरएस नियम होने के बावजूद कई मौके पर देखा गया है, कि बल्लेबाज़ अंपायर के फैसले के विरुद्ध दिखाई देते हैं.
एलबीडब्ल्यू को लेकर अंपायर के फैसले से संबंधित डीआरएस की परिस्थितियों के बारे में आईसीसी ने कहा “अगर एलबीडब्ल्यू से संबंधित मैदानी अंपायर का फैसला बदला जाता है, तो नये नियमों के अनुसार गेंद का आधा हिस्सा स्टंप के क्षेत्र में होना चाहिए जो ऑफ और लेग स्टंप का किनारा भी होगा. इससे पहले तक यह स्थिति थी कि गेंद का आधा हिस्सा ऑफ और लेग स्टंप के बीच के क्षेत्र में होना जरूरी होता था”.
आईसीसी ने कहा कि एलबीडब्ल्यू निर्णयों को लेकर यह बदलाव एक अक्टूबर या फिर इस तिथि से पहले शुरू होने वाली किसी सीरीज से लागू होगा जिसमें डीआरएस का प्रयोग किया जाता हो. इस बदलाव के बाद यह माना जा रहा है कि इस बदलाव से गेंदबाजों को अधिक लाभ मिलेगा तथा एलबीडब्ल्यू निर्णय के लिए मैदानी अंपायर का फैसला तीसरे अंपायर को भेजे जाने पर बल्लेबाजों अधिक आउट दिया जायेगा. पुराने नियम के अनुसार जिस क्षेत्र में गेंद हिट होनी चाहिए थी उस पर दिए जाने वाले फैसले अधिकतर बदल दिए जाते थे.
अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने वार्षिक बैठक में एलबीडब्ल्यू मामले पर अहम फैसला लेने के अलावा कई अहम फैसले भी किये गये. आईसीसी ने टेस्ट क्रिकेट में दो विभाग बनाने और नई एकदिवसीय लीग और बाकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आदर्श परिवर्तन करने के प्लान को फिलहाल रोक कर दिया है. बैठक में आईसीसी, आईडीआई और आईबीसी बोर्डों और वर्तमान आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर की अध्यक्षता में कई मामलो पर चर्चा किया.
आईसीसी ने कहा क्रिकेट को ओलंपिक खेल बनाने की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट समिति की योजना पर आगे अध्यन हुआ है. विवाद की एक और वजह नो बॉल से संबंधित फैसलों पर आईसीसी ने कहा कि मैदानी अंपायरों की जगह तीसरे अंपायर को नो-बॉल कहने की इज़ाज़त देने का परिक्षण अगले कुछ महीनों में किया जाएगा जिससे यह पता लगाया जा सके कि क्या तीसरा अंपायर जल्द टीवी रीप्ले के जरिये सही नो-बाल दे सकता है.
आईसीसी ने कहा कि “यह परिक्षण आने वाली एकदिवसीय सीरीज के दौरान किया जा सकता है. तीसरा अंपायर गेंद डालने के कुछ सेकंड के अंदर नो-बॉल चेक करेगा और उसे मैदान में खड़े अंपायर को बतायेगा. परिक्षण से संबंधित अधिक जानकारी इसे अंतिम रूप दिये जाने पर घोषित की जायेगी”.