विश्व क्रिकेट की निगरानी रखने वाली सबसे बड़ी संस्था इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आईसीसी ने भारत में खेली जा रही टी-20 क्रिकेट लीग इंडियन प्रीमियर लीग के बीच इंटरनेशनल टी-20 क्रिकेट को लेकर एक बड़ा और अहम फैसला लिया है। इन दिनों आईसीसी के सीईओ डेव रिचर्डसन भारत में ही हैं और गुरूवार को कोलकाता में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में डेव रिचर्डसन ने अपने इस बड़े फैसले को लेकर जानकारी दी।
आईसीसी ने टी-20 क्रिकेट में 104 देशों को मान्यता देने का किया फैसला
आईसीसी ने इंटरनेशनल टी-20 क्रिकेट में अब 104 देशों को खेलने की मान्यता देने का फैसला किया है। आईसीसी की ओर से इंटरनेशनल टी-20 क्रिकेट को लेकर किया गया ये बड़ा फैसला माना जा रहा है। इंटरनेशनल टी-20 क्रिकेट में अब तक 12 देशों को पूर्ण सदस्य के रूप में मान्यता प्राप्त है तो वहीं इसके अलावा 6 और देश भी शामिल हैं जो इंटरनेशनल क्रिकेट में सक्रिय रहते हैं।
सभी महिला और पुरूष टीमों को दी जाएगी मान्यता
आईसीसी के मुख्य कार्यकारी डेव रिचर्डसन ने इसको लेकर कहा कि “सभी महिला टीम के मैचों को 1 जुलाई 2018 से टी-20 इंटरनेशनल क्रिकेट का दर्जा दे दिया जाएगा सभी पुरूषों की टीम को 1 जनवरी 2019 से टी-20 इंटरनेशनल क्रिकेट का दर्जा दे दिया जाएगा।”
क्रिकेट में आचार संहिता के उल्लंघन के लिए कठोर दंड़ की तैयारी
इसके साथ ही आईसीसी ने हाल में ही हुई दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के द्वारा की गई बॉल टेंपरिंग की घटना को रोकने के लिए भी उचित कदम उठाने की बात की। डेव ने इसको लेकर कहा कि गेंद से छेड़छाड़ करने और अममानजनक भाषा, स्लेजिंग आदि इन सभी चीजों के लिए भारी दंड़ चाहते हैं। जुर्माने से काम नहीं हो रहा है ऐसे में क्रिकेट कमेटी अपनी योजनाओं के साथ वापस जाएगी।
टी-20 द्विपक्षीय सीरीज को लेकर फैसला बाद में
चैंपियंस ट्रॉफी के भविष्य को लेकर रिचर्डसन ने कहा कि सभी पंसदिदा टीमों के मत के बाद 2021 में चैंपियंस ट्रॉफी और विश्व टी-20 को लेकर फैसला होगा। वहीं टी-20 क्रिकेट को लेकर डेव ने कहा कि “ऐसे मौके भी हैं जहां पर टी-20 लीग में इंटरनेशनल द्विपक्षीय सीरीज प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। हमें ये देखने के लिए हमारे नियमों को देखना होगा कि हम इसे किस तरह होने देने की अनुमति दे सकते हैं।”
भारत-पाकिस्तान के मैच देखते की है सभी की इच्छा
भारत और पाकिस्तान के बीच एफटीपी प्रोग्राम को लेकर रिचर्डसन का कहना है कि “एक आम इच्छा है कि अगर भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे के खिलाफ विशेष रूप से द्विपक्षीय सीरीज खेले सकें तो ये बहुत अच्छा होगा। मुद्दा काफी जटिल है, मुझे डर है ये केवल दो बोर्डो से सहमत होने से बहुत अधिक है।”
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