ICC: कोरोना वायरस की वजह से क्रिकेट की दुनिया में कई तरह के बदलाव देखने को मिले। पूरी टीम को बायो बबल में रहना पड़ा। स्लाइवा बैन किया गया। खिलाड़ी एक दूसरे से हाथ तक नहीं मिला सकते थे और मैच को भी खाली स्टेडियम में आयोजित किया गया। साथ ही साथ अंपायर को लेकर भी बड़ा बदलाव किया गया था।
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने यह ऐलान किया था कि महामारी को मद्देनजर रखते हुए, न्यूट्रल अंपायर्स की जगह घरेलू अंपायर मैदान पर नजर आएंगे लेकिन अब यह नियम खत्म होने वाला है।
न्यूट्रल अंपायर्स की होगी वापसी
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के चेयरमैन ग्रेग बार्कले ने बताया है कि जल्द ही न्यूट्रल अंपायर्स की वापसी होगी।
उन्होंने कहा,
“अब हमलोग कोरोना से बाहर निकल चुके हैं, इसलिए हमने न्यूट्रल अंपायर्स को वापस लाने का फैसला किया है। कुछ हफ्तों पहले हुई बोर्ड मीटिंग में हमने इस बात पर फैसला लिया गया था। हम दोबारा न्यूट्रल अंपायर्स की वापसी करवाने वाले हैं। फिलहाल मैं आपको इसके लिए निश्चित तारीख नहीं बता सकता हूं।”
कोरोना की वजह से घरेलू अंपायर्स को मिल रहा था मौका
जब साल 2020 में कोरोना की शुरुआत हुई थी, तब क्रिकेट भी नहीं खेला जा रहा था और जब क्रिकेट की वापसी हुई, तब इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) की तरफ से इसकी घोषणा की गई थी कि न्यूट्रल की जगह घरेलू अंपायर को मौका मिलेगा। ICC के मुताबिक बॉयो-सेक्योर वातावरण में खेले जा रहे मैचों में अंपायरों को यहां-वहां लेकर जाना कठिन होगा।
बढ़ा दिए गए थे रीव्यू
गौरतलब है कि लोकल अंपायर्स की नियुक्ति की वजह से इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) को टीमों को मिलने वाले रीव्यू बढ़ाने पड़े थे। टेस्ट में टीमों को तीन और वनडे और टी20 में दो रीव्यू दिए जा रहे थे। इसके पीछे की वजह यह थी कि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) को लगता था कि लोकल और कम अनुभवी अंपायर्स की नियुक्ति होने पर गलती होने गुंजाइश ज्यादा हो सकती है। ऐसे में टीमों को अधिक रीव्यू दिए गए थे। अब सवाल यह है कि क्या लोकल अंपायर्स के हटने के बाद रीव्यू में कटौती होगी ?