पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को एक और झटका लगा है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की अपने भारतीय समकक्ष (बीसीसीआई) के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) में मुआवजे का दावा दायर कराने की योजना निकट भविष्य में पूरी नहीं हो पाएगी. यह बात खुद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के एक अधिकारी ने कही.
मुआवजे की बात एजेंडे में नही की गयी शामिल-
पीसीबी के एक अधिकारी ने बताया कि बोर्ड की मुआवजा दावा दायर करने की योजना अगले हफ्ते आईसीसी के कार्यकारी बोर्ड की ऑकलैंड में होने वाली बैठक के एजेंडे में नहीं है.
अधिकारी ने कहा, ‘‘नहीं, यह एजेंडे में नहीं है और पाकिस्तान ऑकलैंड के बाद होने वाली आईसीसी की अगली बैठक में ही इस मुद्दे को अंतिम रूप दे पायेगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसका कारण यह है कि पीसीबी लंदन में कानूनी फर्म के साथ सलाह मशविरा जारी रखे हुए है और अब तक दावे को अंतिम रूप नहीं दिया है.’’ पीसीबी अध्यक्ष नजम सेठी और मुख्य संचालन अधिकारी सुभान अहमद बैठक में हिस्सा लेंगे.
क्या कर रहा है पाकिस्तान दावा-
पीसीबी के अध्यक्ष नजम सेठी का कहना है ,‘‘हमने बीसीसीआई के साथ 2014 में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये थे जिसके तहत छह द्विपक्षीय श्रृंखलायें खेलने पर सहमति बनी थी जिनमें हमारी मेजबानी में घरेलू श्रृंखला शामिल थी. भारत ने इस पर अमल नहीं किया और 2008 से अब तक हमारे साथ द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं खेली है, लेकिन हमारे खिलाफ आईसीसी टूर्नामेंटों में खेलने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं है.’’
सेठी ने कहा कि सहमति पत्र के तहत दोनों देशों को 2015 से 2023 के बीच छह द्विपक्षीय श्रृंखलायें खेलनी थी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भारत के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट खेलने में कभी परेशानी नहीं थी, लेकिन बीसीसीआई के टीम नहीं भेजने से उसे भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है.
7 करोड़ डॉलर की कर रहा है मांग-
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने दो ‘घरेलू’ द्विपक्षीय श्रृंखलायें नहीं खेलने के लिये भारतीय क्रिकेट बोर्ड से सात करोड़ डॉलर मुआवजे की मांग की है. पीसीबी ने इस मसले पर सलाह मशवरे की प्रक्रिया पूरी करके मुआवजे की रकम तय की है. वह कुछ दिन में आईसीसी की भुगतान निबटान समिति के पास दावा पेश करेगा.