अगर हम क्रिकेट को एक क्लास मान ले और इस खेल में सर्वोच स्थान पर विराजमान 8 टीमो को स्टूडेंट के रूप में ले तो कुछ ऐसी होगी यह क्लास.
हम यहाँ इन आठो टीमो को उनके क्षमता के आधार पर अलग-अलग आंकलन कर रहे है, देखे आप की टीम को क्लास में क्या उपाधि मिलती.
नोट: इसे सिर्फ मनोरंजन की दृष्टी से पढ़े, इसे गम्भीर रूप से न ले:
भारत: भारत एक बड़े पिता का ऐसा स्टूडेंट जिसके बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता, कि कब वो क्लास में टॉप कर जाये और कब अपना सबसे घटिया प्रदर्शन करे. लेकिन अगर उसके कम नम्बर भी आते है, तो उसकी माँ कहती है, “कोई बात नहीं है, अपने दुसरे क्लासमेट (पाकिस्तान) से तो अच्छे ही नम्बर लाया है.”
साउथ अफ्रीका: यह एक ऐसा स्टूडेंट है, जो मासिक और सेमेस्टर परीक्षाओं में तो हमेशा पहला स्थान लाता है, लेकिन कभी भी फाइनल परीक्षा में पास नहीं होता.
पाकिस्तान: पाकिस्तान एक ऐसा स्टूडेंट है, जो क्लास में टॉप करने में तो सक्षम है, लेकिन वो ऐसा नहीं कर पाता है, क्यूंकि वो अपना अधिकतर समय दुसरो (भारत) की गलतिया गिनने में लगा रहता है. और बाकि समय अध्यापक और प्रश्न पत्र को दोष देता रहता.
वेस्टइंडीज: वेस्टइंडीज ऐसा स्टूडेंट है, जो क्लास 5 तक तो पूरी क्लास टॉप करते रहा, लेकिन अब वो हर परीक्षा में फेल हो जाता है, अब वो एग्जाम की तैयारी नहीं करना चाहता और बीच में ही परीक्षा हॉल छोड़ के भग जाता है.
न्यूज़ीलैंड: न्यूज़ीलैंड ऐसा स्टूडेंट है, जो हर विषय में तो “डिसटिंकसन” लाता है, लेकिन फाइनल परीक्षा में कभी भी अच्छा प्रदर्शन नहीं करता है.
ऑस्ट्रेलिया: एक ऐसा स्टूडेंट जो क्लास के साथ साथ पुरे स्कुल को टॉप करता है.
श्रीलंका: श्रीलंका एक ऐसा स्टूडेंट है, जो क्लास 5 तक तो काफी कमजोर था, लेकिन उसके बाद लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है.
इंग्लैंड: इस स्टूडेंट के बारे में कुछ भी कहा नहीं जा सकता, यह पुराना अध्यापक है, लेकिन कोई भी परीक्षा पास नहीं कर पाता है.
बांग्लादेश: बांग्लादेश ऐसा स्टूडेंट है, जो जब भी परीक्षा में फेल होगा हमेशा दुसरो पर अपनी गलती ढाल देगा और रोना शुरू कर देगा.