एक मैच में दो पिचों, गेंदों से भारतीय क्रिकेट में होगा सुधार : सचिन 1
Indian players Sachin Tendulkar smiles after inspecting the wicket at the MCG in Melbourne, 24 December 2007. India are continuing their preparations for the first Test against Australia, which starts 26 December 2007. RESTRICTED TO EDITORIAL USE PUSH TO MOBILE SERVICES OUT AFP PHOTO/William WEST

नई दिल्ली, 3 दिसम्बर (आईएएनएस)| दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने श्निवार को इस प्रकार का सुझाव दिया है, जो क्रिकेट जगत में परिवर्तन ला सकता है। सचिन का कहना है कि घरेलू क्रिकेट में दो पिच और अलग-अलग प्रकार की गेंदों के इस्तेमाल से देश में क्रिकेट के स्तर में सुधार हो सकता है।

टेस्ट क्रिकेट से 2013 में संन्यास लेने वाले 43 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि इससे दो विभिन्न प्रकार के ट्रैक के बीच संतुलन बनाए रखने और दो अलग-अलग प्रकार की गेंदों से खेलने में मदद मिलेगी।

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हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप सम्मेलन में सचिन ने कहा,

“हमें बल्लेबाजी की मददगार पिचों का निर्माण नहीं करना चाहिए। हमें भारत में ‘ग्रीन-टॉप’ पिचों का निर्माण करना चाहिए और इसमें हमारे बल्लेबाजों और स्पिन गेंदबाजों को खेलने का अवसर देना चाहिए।”

सचिन ने कहा कि विदेशी पिचों और परिस्थितियों के लिए टीम को सक्षम बनाने की जरूरत है। देश के स्पिन गेंदबाजों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि ‘ग्रीन-टॉप’ पर पहली पारी में किस तरफ गेंदबाजी करनी है? दूसरी पारी टर्निग ट्रैक पर खेलनी चाहिए, क्योंकि इससे ही खिलाड़ी किसी भी परिस्थिति में खेलने के लिए तैयार हो सकेंगे।

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मुंबई के क्रिकेट खिलाड़ी ने कहा कि मैच का परिणाम टॉस से तय नहीं होता, क्योंकि टॉस जीतने वाली टीम को इसका 10 प्रतिशत लाभ ही मिलता है।

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