टीम इंडिया के लिए मौजूदा समय कुछ खास नहीं चल रहा है, टीम इंडिया को हाल में ही पाकिस्तान के हाथों 180 रनों की शर्मनाक हार के साथ चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में धुल चाटनी पड़ी थी और अब उस हार के दो दिन बाद ही टीम इंडिया के मुख्य कोच अनिल कुंबले ने कोच के पद से इस्तीफ़ा दे दिया है.
क्या रहा मुख्य कारण
अनिल कुंबले और कप्तान विराट कोहली के बीच रिश्ते कभी भी अच्छे नहीं रहे, ऐसी खबरे भी आई कि कोहली शुरू से ही कुंबले के कोच बनने के फैसले के खिलाफ रहे थे और उन्होंने उनकी जगह पर रवि शास्त्री के नाम की पैरवी की थी, लेकिन सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्षमण की तिकड़ी ने कुंबले को टीम का मुख्य कोच चुना, जिसके बाद कुंबले की अगुवाई में टीम इंडिया ने कई बुलंदियाँ हासिल की. तो कोच कुंबले और विराट की लड़ाई ने हरा दिया भारत को चैम्पियन्स ट्राफी का फाइनल?
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से सामने आई खटास
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान जब टीम इंडिया को पहले मुकाबले में बड़ी हार का सामना करना पड़ा था, उस समय अनिल कुंबले ने दूसरे टेस्ट के लिए युवा लेग स्पिनर कुलदीप यादव को टीम मे शामिल करने की सलाह दी थी, जिसे विराट कोहली ने ठुकरा दिया था और फिर उसी सीरीज के आखिरी टेस्ट मैच में जब कोहली चोट के कारण बाहर हुए, तो कुलदीप यादव को टीम में शामिल कर लिया गया.
कोच के पद से इस्तीफ़ा देने के बाद दिया संदेश
कोच के पद से इस्तीफ़ा देने के बाद अनिल कुंबले ने ट्विटर पर एक तस्वीर साझा की, जिसमे उन्होंने अपनी बात रखी, कुंबले ने लिखा, कि
Thank you! pic.twitter.com/eF5qVzdBRj
— Anil Kumble (@anilkumble1074) June 20, 2017
“मुझपर जो विश्स्वास और भरोसा सीएसी ने दिखाकर मुझे फिर से कोच बने रहने के लिए चुना उसके लिए मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ. पिछले एक साल में टीम ने जो भी कुछ हासिल किया है, उसका सारा श्रेय टीम के कप्तान और खिलाड़ियों समेत पुरे कोचिंग स्टाफ को जाता है.”
“मुझे बीसीसीआई द्वारा यह कल पहली बार बताया गया, कि टीम के कप्तान को मेरे तौर तरीके से नाराजगी है. मुझे यह सुनकर आश्चर्य हुआ था, क्योंकि मैंने हमेशा से कोच और कप्तान के रोल को लेकर एक दूरी बनाकर रखी थी. बीसीसीआई ने मेरे और कप्तान के बीच मतभेद कम करने की कोशिश की, लेकिन मुझे लगता है, कि उससे बेहतर मेरे लिए यह होगा, कि मैं अब इन सबसे आगे बढूँ.” खुला बड़ा राज: विराट कोहली और धोनी ने नहीं बल्कि बीसीसीआई के इन अधिकारियों की वजह से भारत को करना पड़ा हार का सामना
“व्यावसायिकता, अनुशासन, दृढ़ता, सच्चाई और एक दूसरे की खूबियाँ तराशना यह सब एक कोच के अन्दर होना चाहिए और मैंने इन्ही चीजों पर काम किया. मेरे हिसाब से कोच का काम कप्तान को आईना दिखाना होता है और ऐसे निर्णय लेने में कप्तान की मदद करना जो टीम के हित में हो.”
“इस सब संदेह के बीच मैं यही समझता हूँ, कि मेरा इस पद पर बने रहना सही नहीं है और सीएसी और बीसीसीआई जिसे भी चुनती है मैं उन्हें यह ज़िम्मेदारी सौंप देना चाहता हूँ.”
“पिछले एक साल में टीम की अगुवाई करना बहुत अच्छा सफ़र रहा और इसके लिए मैं बीसीसीआई और सीएसी और सीओए समेत सभी का शुक्रिया अदा करता हूँ.”
“अंत में मैं सभी दर्शकों और टीम इंडिया के समर्थकों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ और मैं एक समर्थक रहूँगा टीम इंडिया का और अपने देश का.”