धोनी के हिसाब से यह था उनका बतौर कप्तान आखिरी मुकाबला 1

महेंद्र सिंह धोनी ने 4 जनवरी को इंग्लैंड सीरीज से पहले ही यह निर्णय ले लिया था, कि वह अब भारतीय टीम की कप्तानी नहीं करेंगे. उस दिन के बाद पहली बार शुक्रवार को महेंद्र सिंह धोनी ने मीडिया से बातचीत की और अपने इस फैसले की वजह बताई. बंगाल क्रिकेट संघ ईडन गार्डन पर एमएस धोनी को करेगा सम्मानित

महेंद्र सिंह धोनी ने कहा, “मेरे दिमाग में,2015 में  भारत में हुई साउथ अफ्रीका के साथ सीरीज ही बतौर कप्तान मेरे लिए आखिरी सीरीज थी. उसके बाद इसी बात का न्याय करने के लिए मैं ज़िम्बाब्वे दौरे पर टीम के साथ गया था और मैंने तभी बीसीसीआई को बता दिया था कि मैं अब और ज्यादा कप्तानी नहीं करूँगा.”

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धोनी ने आगे बोलते हुए कहा,

“मैं पहले से ही ये मानता था, कि भारतीय टीम के लिए खेल के हर प्रारूप में एक ही कप्तान का होना बेहतर रहता है और अब जब मैंने टेस्ट से सन्यास ले लिया है तो मेरे विचार बदलने नहीं चाहिए.”

धोने ने आगे कहा कि जब से मैंने टेस्ट क्रिकेट से सन्यास लिया है, तभी से मैं कप्तानी छोड़ने के लिए ऐसे समय का इंतज़ार कर रहा था. जब भारतीय टीम एक संतुलित टीम बन जाये और विराट भी टेस्ट में अच्छा करे. अब मुझे ऐसा लगता है. कि मैं टीम को विराट के हाथों में दे सकता हूँ. बचपन से ही विडियो गेम्स का शौक रहा है : विराट कोहली

धोनी ने आगे विराट कोहली के बारे में बोलते हुए कहा, “विराट और मैं शुरू से ही बहुत करीब है. वह ऐसा खिलाड़ी है जो हमेशा ही अपने खेल में सुधार करना चाहता है. जिम्मेदारियों के साथ वह और ज्यादा अच्छा करता है. टेस्ट की अपेक्षा, वन डे आसान होता है. मैं मैदान में एक विकेटकीपर की तरह रहकर उसे अपनी प्रतिक्रिया जरुर दूंगा.”

जब उनसे पूछा गया, कि क्या उन्हें अपने इस फैसले के बाद कोई पछतावा है तो धोनी ने कहा,

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“मैंने ज़िन्दगी में कभी कोई पछताने वाला फैसला नहीं लिया है. मैंने भारतीय टीम की 9 साल तक कप्तानी की है और उसे मैंने बहुत ही मनोरंजक तरीके से क्या है.”