साल 2012 में जब इंग्लैंड की टीम भारत के दौरे पर आई, तो पहला टेस्ट अहमदाबाद के मोटेरा मैदान पर खेला गया, जहा वीरेंद्र सहवाग के बल्ले और प्रज्ञान ओझा की गेंदों ने इंग्लिश टीम को काफी परेशान किया था, लेकिन उस टेस्ट मैच में मिली हार के बाद, इंग्लैंड टीम के कप्तान एलेस्टर कुक ने कहा था, कि हम सीरीज में वापसी करेंगे.
अपने कप्तान की बात का मान रखते हुए, इंग्लैंड के गेंदबाज़ बाकी के सभी मैचों में भारतीय बल्लेबाजों पर पूरी तरह से हावी रहे और इंग्लैंड की टीम सीरीज जीतने में कामयाब रही. ग्रेम स्वान और मोंटी पनेसार की घुमती हुई गेंदों का भारतीय टीम के दिग्गज बल्लेबाजों के पास कोई जवाब नहीं था.
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इस समय बात बिलकुल अलग है, पांच टेस्ट मैच की सीरीज में टीम इंडिया 2-0 से आगे है, और अब यहाँ से इंग्लैंड केवल सीरीज बचा सकता है, जीत नहीं सकता.
पिछली सीरीज से सीख लेते हुए, भारतीय टीम ने एक सपाट विकेट की मांग रखी है. सपाट विकेट, उसे कहा जाता है, जिसमे न तो स्पिन गेंदबाजों के लिए टर्न हो और न ही तेज़ गेंदबाजों के लिए उछाल. ऐसी विकेट अगर हमे वानखेड़े में देखने को मिली तो सभी दर्शकों के लिए तो यह बेहद ही अच्छा टेस्ट मैच होगा, लेकिन इससे टेस्ट मैच की घटती लोकप्रियता पर और भी असर पड़ सकता है.
हाल ही में वानखेड़े के ही मैदान पर, रणजी ट्राफी के एक मैच में 1283 रन बने थे, यह मैच दिल्ली और महाराष्ट्र के बीच खेला गया था, पहली पारी में महाराष्ट्र ने स्वपनिल गुगाले के तिहरे शतक की बदौलत 635 रन बनाए थे. जिसके जवाब में दिल्ली की ओर से ऋषभ पंत ने तूफानी पारी खेलते हुए अपना तिहरा शतक पूरा किया और दिल्ली को महाराष्ट्र के स्कोर के करीब लेकर गए.
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मुंबई टेस्ट मैच 8 दिसंबर से मुंबई के ऐतिहासिक वानखेड़े स्टेडियम पर खेला जाना है.