विश्वकप के बाद से अब तक भारतीय टीम बिना कोच के ही सभी दौरे कर रही है, विश्वकप के बाद जब भारतीय टीम वापस भारत आई, तो वो आईपीएल में व्यस्त हो गयी. आईपीएल खत्म होने के तुरंत बाद टीम बांग्लादेश दौरे पर गयी, और वहाँ पर टीम ने 1 टेस्ट और 3 वनडे मैच की सीरीज खेली, जिसमे भारत पहला टेस्ट मैच ड्रा करा दिया, जबकि वनडे में उसे 2-1 से हार का सामना करना पड़ा.
उसके बाद अब भारतीय टीम बिना कोच के ही श्रीलंका दौरे पर गयी है, जहाँ टीम ने अपना पहला टेस्ट सीरीज गवां दिया है, जबकि दुसरे टेस्ट में संघर्ष करती नजर आ रही है, जिसके बाद से कोच को लेकर एक बार फिर आवाज तेज हो गयी है, हालाँकि सूत्रों की माने तो बीसीसीआई ने अब कोच चुनने का मन बना लिया है.
सितम्बर में साउथ अफ्रीका टीम भारत में लम्बे दौरे पर आने वाली है, जिसमे टीम 4 टेस्ट मैच, 5 वनडे और 3 टी-20 मैच खेलेगी, और अगर यह सीरीज भारत हारती है, तो उसके लिए और शर्मनाक बात होगी, क्यूंकि यह सीरीज भारत में खेली जाने वाली है, और साउथ अफ्रीका टीम यहाँ 72 दिन के लिए आ रही है.
इसीलिए बीसीसीआई ने भी भारतीय कोच चुनने के फैसला कर लिया है, अगर सूत्रों की माने तो भारतीय टीम इस बार 2 कोच चुन सकती है, एक कोच टीम को टेस्ट के लिए और दूसरा कोच वनडे और टी-20 के लिए दिया जा सकता है, क्यूंकि टेस्ट में भारत इस समय अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहा है, और इस समय आईसीसी की 7 वीं रैंकिंग पर विराजमान है. इसलिए बीसीसीआई वनडे के साथ एक टेस्ट कोच भी टीम को देना चाहती है, हालाँकि अभी इस पर यह फैसला नहीं हो पाया है, कि ये कोच भारतीय होंगे या विदेशी, हालंकि अब तक ऑस्ट्रेलिया के कई दिग्गज इसमे अपनी दिलचस्पी दिखा चुके है.
जबकि भारत की तरफ से पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ का नाम सबसे आगे है, कुछ दिन पहले कीर्ति आजाद ने भी बीसीसीआई को राहुल को कोच बनाने की सलाह दी थी, इसलिए अगर भारतीय कोच नियुक्त किये जाते है, तो गांगुली और द्रविड़ के कोच बनने की सम्भावना अधिक है, गांगुली को वनडे और टी-20 जबकि द्रविड़ को टेस्ट कोच की जिम्मेदारी दी जा सकती है, हालाँकि अगर विदेशी कोच चुने जाते है, तो इस बारे में किसी के नाम को नहीं सुझाया जा सकता है, क्यूंकि अभी तक बीसीसीआई ने इसको लेकर अपने पत्ते नहीं खोले है.