कोरोना महामारी के बाद अंतर्राषट्रीय क्रिकेट में उतरने के बाद भारतीय टीम को एक बार फिर से निराशा हाथ लगी है. इस वक़्त भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है जहाँ उसे 3 वन-डे, 3 टी20 और 4 टेस्ट मैचों की सीरीज़ खेलनी है. टी20 और टेस्ट से फ़िलहाल जारी वन-डे सीरीज़ में भारतीय टीम को कंगारू टीम से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. पहले ही दो मैचों में मिली हार के बाद भारतीय टीम सीरीज़ भी गंवा चुकी है.
अब ये देखना अहम होगा कि, पहले न्यूज़ीलैण्ड और ऑस्ट्रेलिया से मिली हार के बाद अगले साल इंग्लैण्ड के खिलाफ़ भारतीय टीम मैनेजमेंट और कप्तान विराट कोहली का गेमप्लान क्या होगा. हालात का अगर आकलन किया जाए तो टीम के तौर पर बेहतर प्रदर्शन करने के लिए भारतीय टीम को ये 3 बदलाव जितनी जल्दी हो सके कर लेने चाहिए.
रोहित शर्मा
5 वन-डे में महज़ 17.2 रन के मामूली से औसत से सिर्फ़ 86 रन बनाने वाले मयंक अग्रवाल को लगातार टीम में बनाए रखने का फ़ैसला समझ से परे है. इस सवाल की इंटैंसिटी उस वक़्त और भी बढ़ जाती है कि उन्हें जिस जगह पर बल्लेबाजी करने का मौका दिया गया है. उसके लिए रोहित शर्मा पहले ही काफ़ी बेहतर पैरामीटर सेट कर चुके हैं. शुरुआती तेज बल्लेबाजी को एक बड़े स्कोर में किस तरह बदलना है इसकी समझ रोहित शर्मा से बेहतर शायद ही किसी को हो.
224 वन-डे मैचों की 217 पारियों में मिले मौके के दौरान 3 बड़े दोहरे शतक और 29 शतक के दम पर 49.27 के शानदार औसत से 9115 रन बनाने वाले रोहित शर्मा का किसी एक कंफ़्यूज़न की वजह से टीम से बाहर रहने का सबसे ज़्यादा खामियाज़ा किसी कप्तान या कोच को नहीं बल्कि टीम को भुगतना पड़ रहा है. अब अगर भारतीय टीम को अपने निराशाजनक प्रदर्शन और लगातार मिलती हार का सिलसिला का तोड़ना है तो टीम मैनेजमेंट को सभी विवादों और कंफ़्यूज़न से ऊपर उठ कर रोहित शर्मा की वापसी के बारे में सोचना होगा.