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भारतीय टीम मैनेजमेंट के कुछ फ़ैसलों और उन फ़ैसलों की टाइमिंग में हो रही जल्दबाज़ी को देख कर ये कहना गलत नहीं होगा कि भारतीय टीम मैनेजमेंट अपनी रणनीतियों में धैर्य खोता जा रहा है. पहले किसी खिलाड़ी को एक बल्लेबाज़ी क्रम की समस्या हल करने के  लिए मौका दिया जाता है फिर उसी खिलाड़ी को आप अगली सीरीज़ से ड्रॉप कर देते हैं. इसके अलावा भी भारतीय टीम मैनेजमेंट के कई फ़ैसले जिनके बाद क्रिकेट एक्सपर्ट्स और प्रशंसकों, दोनों ही कई सवाल उठा रहे हैं.

नंबर 4 का सरदर्द

भारतीय टीम मैनेजमेंट नहीं तय कर पा रहा नंबर 4

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भारतीय टीम मैनेजमेंट ने युवराज सिंह के संन्यास के बाद नंबर चार की समस्या को सुलझाने में जितनी गलतियां की उतनी शायद ही किसी टीम मैनेजमेंट ने की हो. युवी के बाद अंबाती रायड़ू, एमएस धोनी, यहां तक की कप्तान कोहली को भी नंबर 4 पर आजमाया. लेकिन  ये सारे ही दाँव टीम के लिए किसी भी तरह सही साबित नहीं हुए.

विश्व-कप 2019 में मिली हार के बाद टीम मैनेजमेंट ने श्रेयस अय्यर को लगातार नंबर 4 पर खिला कर इस समस्या को फ़िक्स करने की कोशिश की. कहीं न कहीं अय्यर नंबर 4 पर बल्लेबाज़ी करते हुए भरोसा कायम करने की कोशिश भी की. लेकिन भारतीय टीम मैनेजमेंट यहीं नहीं रुका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ टी20 सीरीज़ में अय्यर को बस एक मैच खराब होने पर ड्रॉप कर दिया और इस समस्या को एक स्तर ज़्यादा खींच दिया.

स्पिन अटैक के चयन में मजाक

kuldeep yadav

बल्लेबाज़ी के अलावा एक समस्या और है. जिसको भारतीय टीम मैनेजमेंट ने अपनी गलतियों से बढ़ाया ही है. यहाँ स्पिन अटैक के चयन में हुई गलतियों की बात की जा रही है. टीम मैनेजमेंट ने पहले युवा लेग स्पिनर कुलदीप यादव को ये कह कर ड्रॉप कर दिया कि उनकी क्रिकेट में आत्मविश्वास की कमी है.

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लेकिन उन्हे फिर वन-डे सीरीज़ के आखिरी मैच में खिलाना और टी20 में फिर ड्रॉप कर देने को किसी भी तरीके से सही नहीं ठहराया जा सकता. कुलदीप के अलावा युजवेंद्र चहल के चयन में भी मैनेजमेंट का यही गैर जिम्मेदार रवैया जारी रहा.

कब होश में आएगा मैनेजमेंट?

भारतीय टीम मैनेजमेंट ने फिर की बहुत बड़ी गलती, भविष्य में पड़ सकती है बहुत ज्यादा महंगी 1

इस पूरे मसले पर अब एक नया विमर्श ये खड़ा होता है. वो सवाल ये है कि भारतीय टीम मैनेजमेंट सालों से चलती आ रही अपनी इन गलतियों से आखिर कब सबक लेगा. आने वाले तीन सालों में लगातार तीन बड़े टूर्नामेंट हैं. अगर इन बड़े आईसीसी टूर्नामेंट्स को ध्यान में रख कर भी मैनेजमेंट ने अपने फ़ैसले नहीं सुधारे और इसी तरह खिलाड़ियों की क्रिकेट बर्बाद करता रहा तो कप्तान, कोच और मैनेजमेंट को आईसीसी टूर्नामेंट्स में हार के बाद के लिए कोई न कोई बहाना तैयार रखना होगा.

Umesh Sharma

Everything under the sun can be expressed in written form. So, I am practicing the same since the time I hold my consciousness and came to know pen and paper. Apart from being a Writer, Journalist, or...