पिछले दो साल भारतीय टीम के लिए काफी कामयाब साल रहे है भारतीय टीम ने अपने दो साल के इस सुनहरे सफर में विश्व की कई मजबूत टीमो को पटकनी दी. खासतौर से टेस्ट क्रिकेट में, तो भारतीय टीम के लिए पिछले दो साल काफी कामयाबी भरे रहे, क्योंकी भारतीय टीम ने इस दौरान टेस्ट में लगातार 8 सीरीज जीती.
भारतीय टीम ने 2016-17 के अपने लम्बे घरेलू सीजन में न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, बांग्लादेश, और ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीमो को अपने घर पर चारों खाने चित किया और सभी सीरीज अपने नाम की, लेकिन भारतीय टीम की असल परीक्षा अब 2018 के विदेशी दौरों से होने वाली है. जिसमे सबसे पहले भारतीय टीम की कड़ी परीक्षा साउथ अफ्रीका दौरे में जाकर होने वाली है.
भारतीय टीम के 5 जनवरी से शुरू होने वाले इस साउथ अफ्रीका दौरे में होने वाली तीन टेस्ट मैच की सीरीज के ही चलते आज हम आपको वह कारण बताएंगे, जिनमे भारतीय टीम को दौरे से पहले गौर कर लेना चहिए.
कौन होंगे भारत के साउथ अफ्रीका में पहले दो ओपनर
मुरली विजय का श्रीलंका दौरे के लिए टेस्ट सीरीज में नाम था. मगर अपनी रिस्ट इंजुरी के कारण वो पहला टेस्ट शुरू होने से पहले ही वह चोटिल हो गए और सीरीज से बाहर हो गए थे. उनकी जगह शिखर धवन को मौका मिला और सीरीज में दो शतक के साथ 358 रन बनाकर उन्होंने इस मौके को दोनों हाथ से भुनाया.
अब साउथ अफ्रीका जैसे बड़े दौरे से पहले भारतीय टीम के सामने यह समस्या खड़ी हो गई है, कि भारतीय टीम के साउथ अफ्रीका दौरे में पहले दो ओपनर कौन होंगे, क्योंकि युवा ओपनर के एल राहुल ने भी पिछले एक साल से भारतीय टीम के लिए टेस्ट में काफी रन बनाये है.
जडेजा-अश्विन में से कौन होगा कोहली का पहला स्पिनर
साउथ अफ्रीका दौरे में यह बात तो निश्चित है कि भारतीय टीम अपनी प्लेयिंग इलेवन में दो स्पिनर के साथ नहीं खेलेगी और खेलती है तो इसमें कही ना कही भारतीय टीम का ही नुकसान होगा, क्योंकि साउथ अफ्रीका की पिचें तेज गेंदबाजी को मदद करती है.
ऐसे में कोहली नहीं चाहेंगे की जडेजा-अश्विन दोनों को प्लेयिंग इलेवन में खिलाकर वह अपना एक तेज गेंदबाज कम करे इसलिए साउथ अफ्रीका दौरे में यह देखना भी दिलचस्प होगा, कि विराट कोहली रविचंद्रन अश्विन और रविन्द्र जडेजा में से किस गेंदबाज साथ अफ्रीका की तेज पीचों में उतरेंगे.
कौन होगा भारतीय टीम का तीसरा पेसर
साउथ अफ्रीका दौरे के लिए भारतीय टीम के पास दो अच्छे टेस्ट तेज गेंदबाज के रूप में मोहम्मद शमी व उमेश यादव तो शामिल है, जो पिछले 2 साल से भारतीय टीम के लिए अच्छा भी कर रहे है और भारतीय टीम को विकेट भी दिला रहे है.
लेकिन सवाल भारतीय टीम के तीसरे गेंदबाज का है यह देखना दिलचस्प होगा कि साउथ अफ्रीका दौरे में टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम किस तीसरे गेंदबाज के साथ उतरती है.
वैसे आपको बता दे, कि तीसरे गेंदबाज के रूप में भारतीय टीम के पास ईशांत शर्मा, भुवनेश्वर कुमार, शार्दुल ठाकुर जैसे खिलाड़ी शामिल है. अटकलें यह भी लगाई जा रही है, कि चयनकर्ता अफ्रीका दौरे में टेस्ट सीरीज के लिए पहली बार जसप्रीत बुमराह को भी मौका दे सकते है.
अफ्रीका की पेस बैटरी के लिए क्या तैयारी कर रहा है भारत
साउथ अफ्रीका की टीम जब 2015 में भारत आई थी, तो भारतीय टीम ने जडेजा-अश्विन के बलबूतें स्पिन जाल बुनकर बहुत आसानी से अफ्रीका को 3-0 से टेस्ट सीरीज हरा दी थी. अब भारत जब अफ्रीका जा रही है, तो अफ्रीका भी अपनी पेस बैटरी से भारत को घेरने की योजना बना रहा है.
साउथ अफ्रीका के पास कंगिसो रबाडा, मोर्ने मोर्केल, वर्नोन फिलेंडर और क्रिस मोरिस जैसे विश्व स्तरीय तेज गेंदबाज है ऐसे मैं यह सवाल भी बनता है, कि साउथ अफ्रीका की पेस बैटरी से निपटने के लिए क्या तैयारी कर रहा है भारतीय टीम.
टीम कॉम्बिनेशन
भारतीय कप्तान विराट कोहली के लिए साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अगर सबसे बड़ा कोई सिरदर्द होने वाला है, तो वह टीम कॉम्बिनेशन का ही है.
साउथ अफ्रीका की पूरी तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में देखना दिलचस्प होगा, कि भारतीय कप्तान विराट कोहली किस प्लेयिंग इलेवन कॉम्बिनेशन के साथ मैदान में उतरते है. वह मैच में अपने पुरे पांच गेंदबाज खिलाते है या नहीं या फिर रोहित शर्मा के रूप में एक अतिरिक्त बल्लेबाज के साथ मैदान में उतरते है कि नहीं.
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