भारतीय टीम रन-मशीन बनाने के लिए प्रसिद्ध है, और पिछले कुछ दशकों में भारतीय बल्लेबाजी लाइन-अप दुनिया में सबसे मजबूत है. गेंदबाजी कभी भी भारत की ताकत नहीं रही है, खासकर जब उपमहाद्वीप के बाहर खेल रहे हैं, लेकिन अब इसमें बदलाव आना शुरू हो गया है.
हाल के समय में, भारतीय तेज गेंदबाजों ने खेल के सीमित ओवरों के प्रारूप में अपनी सफलता साबित की है. भारत के डेथ ओवरों के गेंदबाज विशेषज्ञ जसप्रीत बुमराह अभी एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में शीर्ष क्रम के गेंदबाज हैं, और दो युवा भारतीय कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल क्रमशः 11 वें और 16 वें स्थान पर हैं.
यहां तीन भारतीय गेंदबाज हैं, जो अपने करियर के शुरुआती हिस्से में सुपरस्टार के रूप में उभरे, लेकिन आखिरकार उनके करियर का अचानक अंत हुआ जो भारतीय टीम के लिए काफी निराशाजनक था.
3. भारतीय खिलाड़ी प्रवीण कुमार का नाम भी है इसमें शामिल
वर्ष 2008 में ऑस्ट्रेलिया में सीबी सीरीज़ के दौरान 4 मैचों में 10 विकेट हासिल करने के साथ ही प्रवीण कुमार भारत के सुपरस्टार बन गए इसके लिए उनको टूर्नामेंट के अंतिम गेम में मैन ऑफ़ द मैच का पुरस्कार भी मिला था.
उनके पास पिचों के समतल पर गेंद को स्विंग करने की क्षमता थी और इस तरह वह नई गेंद के लिए टीम इंडिया के पहले पसंदीदा गेंदबाज बन गए थे. कुमार ने जल्द ही आईपीएल में अपने मजबूत अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन को दोहराते हुए रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए टूर्नामेंट के 2010 संस्करण में हैट्रिक ली थी.
मेरठ में जन्मे इस गेंदबाज को एशिया कप के 2012 संस्करण में खराब प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया था, और वह फिर कभी भारतीय टीम में जगह नहीं बना सके इन्होने 68 एकदिवसीय मुकाबले खेल रखे हैं, जिसमे की उन्होंने 36.03 की औसत से 77 विकेट झटक रखे हैं.