दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई अपने खिलाड़ियों को हाई फाई सैलरी देता है. इतना ही नहीं भारत के कोचिंग स्टाफ को भी करोड़ों रुपये मिलते हैं. जी हां, विश्व भर के सभी क्रिकेट बोर्ड्स में से बीसीसीआई अपने कोचिंग स्टाफ को सैलरी देने के मामले में नंबर-1 पर है.
आईसीसी विश्व कप 2019 के बाद मुख्य कोच सहित सभी कोचिंग स्टाफ के सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो गया था. इसके बाद कपिल देव के नेतृत्व वाली चयन समिति ने एकमात्र बल्लेबाजी कोच में बदलाव किया. मुख्य कोच रवि शास्त्री, बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर, गेंदबाजी कोच भरत अरुण, फील्डिंग कोच श्रीधर हैं.
क्या आपको इन कोचों की सैलरी का अंदाजा है. तो आइए इस आर्टिकल में आपको 2007 से अब तक बनाए गए 5 कोचों के बारे में बताते हैं कि किसे कितनी सैलरी मिलती थी.
2007 से अब तक भारतीय कोचों की सालाना सैलरी
5- ग्रेग चैपल
न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर खिलाड़ी जॉन राइट के कोच पद से हटने के बाद तत्कालीन कप्तान सौरव गांगुली ने ऑस्ट्रेलिया पूर्व खिलाड़ी ग्रेग चैपल को कोच बनाने में बड़ी भूमिका निभाई. मगर चैपल ने गांगुली को ही टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया.
2005 से 2007 तक भारतीय कोचिंग की जिम्मेदारी ग्रेग चैपल के हाथ में रही. इस दौरान भारतीय क्रिकेट टीम को काफी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा. असल में चैपल भारत के सबसे विवादित कोच रहे हैं, उनकी कोचिंग एरा को हाल ही में हरभजन सिंह ने भारत का सबसे खराब वक्त बताया था.
अब यदि चैपल की सैलरी के बारे में बात करें, तो उन्हें 1.24 करो़ रुपये सालानी सैलरी मिलती थी. चैपल उस वक्त सबसे अधिक सैलरी पाने वाले भारतीय कोच थे. इसके बाद से लेकिन कोचों की सैलरी में लगातार इजाफा होता रहा है.