भारतीय क्रिकेट के 88 साल के इतिहास में टीम कोच और कप्तान की कई जोड़ियों के नेतृत्व में मैदान पर उतर चुकी है. इसमें कुछ जोड़ियों के दौर में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया और क्रिकेट का स्तर काफ़ी ऊंचा रहा. वहीं कुछ कोच और कप्तानों के कार्यकाल में भारतीय टीम की क्रिकेट का स्तर काफ़ी नीचे गया था.
इसके अलावा कई बार भारतीय क्रिकेट को कोच-कप्तान या मैनेजमेंट के साथ खिलाड़ियों के मतभेद का नुक़सान उठाना पड़ा है. उदाहरण के तौर पर चैपल-गांगुली, द्रविड-गांगुली और कुंबले-कोहली के वाक़यों को भी लिया जा सकता है.
हालिया दौर भी भारतीय क्रिकेट के लिए कुछ ऐसा ही चल रहा है. जिसमें कोच रवि शास्त्री और कप्तान कोहली के टीम के कुछ खिलाड़ियों के साथ मतभेद अब लोगों के बीच खुली चर्चा का विषय बन चुके हैं.
इस लेख में हम बात करेंगे भारतीय टीम के वर्तमान ऐसे ही 3 खिलाड़ियों के बारे में जो कोच रवि शास्त्री और कप्तान कोहली की हाँ में हाँ नहीं मिलाते हैं.
रविचंद्रन अश्विन
हाल ही में पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर के टीम मैनेजमेंट पर लगाए गए आरोपों के बाद वर्तमान भारतीय क्रिकेट टीम के सीनियर ऑफ़ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन क्रिकेट प्रशंसकों और क्रिकेट के एक्सपर्ट्स के बीच चर्चा का विषय बन चुके हैं. भारतीय टीम के लिए 70 टेस्ट, 111 वन-डे और 46 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके अश्विन अब भारतीय टीम में एक सीनियर खिलाड़ी की हैसियत रखते हैं.
पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने टीम मैनेजमेंट पर आरोप लगाया कि अश्विन के साथ मैनेजमेंट ने दोहरा रवैया अपनाया है. गावस्कर ने अपने आरोपों में कहा कि अश्विन को उनके ख़राब खेल या औसत प्रदर्शन के लिए नहीं बल्कि इसलिए टीम से बाहर रखा गया क्योंकि टीम मीटिंग्स में वो अपनी राय बेबाकी से रखते हैं और कोच-कप्तान की हर बात में बिना सोचे-समझे हाँ में हाँ नहीं मिलाते हैं.
सुनील गावस्कर जैसे पूर्व दिग्गज और जिम्मेदार सीनियर क्रिकेटर के ऐसे सीधे आरोपों के बाद क्रिकेट फ़ैंस और क्रिकेट एक्सपर्ट्स को भी ये बात मानने में ज़्यादा सोचना नहीं पड़ रहा कि रविचंद्रन अश्विन उन्हीं कुछ खिलाड़ियों में से हैं जो कोच शास्त्री और कप्तान कोहली की हर बात में हाँ में हाँ नहीं मिलाते.