कुलदीप यादव

कुलदीप यादव आधुनिक समय के बेहतरीन स्पिन गेंदबाजों में से एक बनकर उभरे हैं. कुलदीप यादव के विकेट लेने की क्षमता है फिर चाहे पिच कैसी भी हो, इसका उन पर कोई प्रभान नहीं पड़ता है. इसीलिए वह टीम इंडिया के मुख्य़ स्पिनर के रुप में उभरे है. उन्होंने सफेद गेंद और गुलाबी गेंद के जरिए टीम इंडिया में अपनी मजबूत पकड़ बना ली है.

कुलदीप यादव ने शेन वार्न और इस दिग्गज भारतीय खिलाड़ी को दिया अपनी सफलता का पूरा श्रेय 1

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कुलदीप ने स्वीकार किया कि उनके लिए शेन वार्न और गौतम गंभीर जैसे अनुभवी खिलाड़ियों ने समर्थन किया. आईपीएल मेें इस बार कुलदीप यादव उस हिसाब से जलवा नहीं दिखा पाए है. लेकिन उनका कहना है कि वह जल्द ही लय को हासिल कर लेंगे.

कुलदीप य़ादव ने गौतम गंभीर का अदा किया शुक्रिया

कुलदीप यादव पिछले 6 सालों से साथ खेल रहे है, वह 6 साल से कोलकाता के लिए ही निरंतर खेल रहे है. उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ इस सीजन का पहला विकेट हासिल किया.

कुलदीप यादव ने शेन वार्न और इस दिग्गज भारतीय खिलाड़ी को दिया अपनी सफलता का पूरा श्रेय 2

फ्रैंचाइज़ी के साथ अपने जुड़ाव को दर्शाते हुए, कुलदीप ने खुलासा किया कि कैसे गंभीर ने हमेशा उन्हें अगले स्तर तक पहुँचने के लिए प्रेरित किया, कुछ ऐसा जिसके लिए वह बेहद शुक्रगुज़ार हैं।

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कुलदीप ने कहा, कि

“अब मुझे कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ 6 साल हो गए हैं और वे मेरे लिए परिवार की तरह हैं.”

शेन वार्न को बताया प्रेरणास्रोतः

कुलदीप ने आगे कहा, कि

“जब मैं शामिल हुआ, तो गौतम गंभीर कप्तान थे और जैक्स कैलिस एक वरिष्ठ खिलाड़ी थे, और हमारे वह कोच बने, उनसे हमने बहुत कुछ सीखा. गौती भाई ने हमेशा मुझे प्रेरित किया और मेरा समर्थन किया और हमेशा मुझे अगले स्तर तक पहुंचने के लिए प्रेरित किया.मैं अपना काम कर रहा हूं ताकि टीम अपने लक्ष्यों तक पहुंच सके और इस खूबसूरत ट्रॉफी को उठाने में मदद कर सके.”

कुलदीप यादव ने शेन वार्न और इस दिग्गज भारतीय खिलाड़ी को दिया अपनी सफलता का पूरा श्रेय 3

ऑस्ट्रेलियाई महान खिलाड़ी शेन वार्न ने भी मेरे करियर को संवारने में अहम भूमिका निभाई है. कुलदीप ने कहा कि वह उनके आजीवन प्रशंसक रहेंगे. इसके साथ ही कहा कि वह लगातार शेन वार्न के साथ अभी भी संपर्क में है.

उन्होंने कहा,

मैंने 2005 की एशेज सीरीज में उन्हें गेंदबाजी करते हुए देखा था और उसी दिन से मैं उनके जैसा गेंदबाज बनना चाहता था. वह मेरे आदर्श बन गए थे. मैं उनसे पहली बार पुणे में मिला था जब हमने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच खेला था.’

कुलदीप ने फिर कहा, कि

“हमने बहुत सी चीजों के बारे में बात की और जब मैं ऑस्ट्रेलिया गया तो उन्होंने बहुत सारी युक्तियों के साथ मेरी मदद की. रवि (शास्त्री) सर और भरत अरुण सर ने मुझे यह समझने में मदद की कि वार्न मुझे क्या संदेश देना चाह रहे थे.हर सुबह वह नए विचारों के साथ आया और मुझे मानसिक रूप से और क्रिकेट कौशल के मामले में मजबूत बनने में मदद की. वह अब मेरे बहुत करीब है और हम नियमित रूप से व्हाट्सएप पर चैट करते हैं.”

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