पूर्व भारतीय कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी बहुत ही शानदार फिनिशर रहे हैं. जिनकी जगह भरने के लिए भारतीय टीम बहुत परेशान नजर आ रही थी. हालाँकि अब ये समस्या दूर होती हुई नजर आ रही है. सीमित ओवर क्रिकेट में एक फिनिशर की बात हो तो अब महेंद्र सिंह धोनी का विकल्प भारत को मिल चूका है.
भारतीय टीम को मिला फिनिशर के रूप में धोनी का विकल्प
टी20 फ़ॉर्मेट की बात करें तो महेंद्र सिंह धोनी ने नंबर 7 पर खेलते हुए 44 के औसत से 132 रन बनाये हैं. जिस समय उनका स्ट्राइक रेट 146.67 का रहा है. जबकि नंबर 6 पर खेलते हुए उन्होंने 32 मैच खेले हैं. जिसमें उन्होंने 34.67 के औसत से 624 रन बनाये हैं. इस बीच उनका स्ट्राइक रेट 116.85 का रहा है. महेंद्र सिंह धोनी ने लगातार 13 सालो तक फिनिशर की भूमिका निभाई है.
मनीष पांडे की बात करें तो उन्होंने अब तक नंबर 7 पर एक बार खेला है. जब उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिल पाया. जबकि नंबर 6 पर खेलते हुए उन्होंने 7 पारियों में 115 के औसत से 115 रन बनाये हैं. इस बीच उनका स्ट्राइक रेट 149.35 का रहा है. इस बीच मनीष पांडे 6 बार नाबाद भी लौटे हैं. न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज के दौरान वो एक बार भी आउट नहीं हुए हैं.
एकदिवसीय फ़ॉर्मेट में भी अब बेहतर कर रहे हैं मनीष पांडे
अब यदि मनीष पांडे के एकदिवसीय फ़ॉर्मेट में फिनिशर की भूमिका देखि जाये तो उन्होंने कम मैच खेले हैं. लेकिन रिकॉर्ड अब तक अच्छा रहा है. पांडे ने अब तक नंबर 6 पर बल्लेबाजी करते हुए 6 पारियों में 34.75 के औसत से 139 रन बनाया है. जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 115.83 का रहा है. एक बीच हालाँकि वो मात्र एक अर्द्धशतक ही लगा पायें हैं.
हालाँकि महेंद्र सिंह धोनी ने इस फ़ॉर्मेट में नंबर 7 पर खेलते हुए 34 पारियों में 44.76 के औसत से 940 रन बनाये हैं. जबकि उनका स्ट्राइक रेट 93.72 का रहा है. जबकि नंबर 6 पर धोनी ने 129 पारियों में 47.32 के औसत से 4164 रन बनाये हैं. जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 83.82 का रहा है. जबकि इन दोनों नंबर पर उन्होंने 3 शतक और 36 अर्द्धशतक लगाये हैं.
अभी बेहतर होंगे मनीष पांडे के रिकॉर्ड
हाल में समय में ही मनीष पांडे को इस नंबर पर खेलने का मौका मिला है. जिसके कारण विराट कोहली को अभी उन्हें और समय देना होगा. जिससे वो इस नंबर पर और मैच खेल सके. जिसके कारण उनको और ज्यादा अनुभव हो जायेगा. जिसके कारण बतौर फिनिशर मनीष पांडे टीम के लिए बहुत बड़े फायदे के रूप में नजर आते हैं. जो उन्हें एक बेहतर क्रिकेटर बनाने में मदद करेगा.