एजबेस्टन में हुए पहले टेस्ट में भारतीय टीम जीत के लिए मिले 194 रनों का पीछा नहीं कर पाई। इस हार के बाद एकबार फिर भारतीय बल्लेबाजों पर सवाल उठने लगे। कप्तान विराट कोहली ने जहाँ मैच में सबसे ज्यादा 200 रन बनाये वहीं उनके बाद हार्दिक पांड्या ने सबसे ज्यादा 53 रन बनाये। इससे साफ हो जाता है कि टीम के बल्लेबाजों ने कैसा प्रदर्शन किया।
पिछले 5 सालों से ऐसा ही है प्रदर्शन
दिसम्बर 2013 के बाद से भारतीय टीम का एशिया से बाहर का प्रदर्शन देखा जाये तो वह भी ऐसा ही है। कप्तान को छोड़कर अन्य किसी बल्लेबाज का औसत 50 से ज्यादा नहीं है। इस दौरान टीम ने ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज और इंग्लैंड में टेस्ट मैच खेले हैं।
कोहली 2014 में इंग्लैंड में जरुर फेल हुए थे लेकिन इस बार उन्होंने अपना फॉर्म और क्लास दिखा दिया है।
कप्तान के पीछे उपकप्तान
विराट के अलावा अजिंक्य रहाणे एशिया से बाहर टीम के सबसे सफल बल्लेबाज रहे हैं। उन्होंने 19 टेस्ट मैच में 49.50 की औसत से रन बनाये हैं लेकिन पिछले एक साल में उनका फॉर्म काफी नीचे गया है। अब उनके बल्ले से एशिया में भी रन नहीं बन रहे।
यही कारण है कि उन्हें कई बार टीम से बाहर भी बैठन पड़ा है। इसी साल दक्षिण अफ्रीका दौरे पर उन्हें पहले दो टेस्ट मैचों में टीम में जगह नहीं दी गई। इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में उनके बल्ले से मात्र 17 रन निकले हैं। लॉर्ड्स में पिछले दौरे में उन्होंने शतक बनाया था ऐसे में उनसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी।
बाकि बल्लेबाज काफी पीछे
कोहली और रहाणे को छोड़ दे तो एशिया से बाहर किसी बल्लेबाज का औसत 35 का भी नहीं है। सलामी बल्लेबाज मुरली विजय ने 19 मैच में 34.71 की औसत से रन बनाये हैं तो उनके साथी बल्लेबाज शिखर धवन ने 28.17 की औसत से।
इसमें सबसे ज्यादा निराश चेतेश्वर पुजारा ने किया है। टेस्ट स्पेशलिस्ट पुजारा ने 18 टेस्ट में मात्र 28 की औसत से रन बनाये हैं। यही वजह है कि उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में भी टीम में जगह नहीं मिली।