ये रहे वो 3 कारण जिसकी वजह से टी-20 विश्व कप की दावेदार नहीं मानी जा रही वुमेन टीम इंडिया 1

21 फरवरी से ऑस्ट्रेलिया में आईसीसी महिला टी20 विश्वकप टूर्नामेंट शुरू होने जा रहा है. इस टूर्नामेंट में कुल मिलाकर 10 टीमें हिस्सा ले रही हैं. दक्षिण अफ़्रीका, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, भारत, न्यूज़ीलैंड, वेस्ट इंडीज और पाकिस्तान को इसमें सीधे-सीधे भाग लेने का मौक़ा मिल रहा है. लेकिन बांग्लादेश को क्वॉलिफ़ायर टूर्नामेंट में पहले और थाईलैंड को दूसरे स्थान पर रहने के कारण खेलने का मौक़ा मिल रहा है.

भारतीय महिला टीम ICC वुमेंस टी20 विश्वकप 2020 में ग्रुप ए में शामिल है. ग्रुप ए में भारत के साथ मेजबान ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, न्यूजीलैंड और श्रीलंकाई टीम शामिल है. ऐसे में आइसीसी टी20 वर्ल्ड कप में भारतीय महिला टीम अपना पहला मुकाबला 21 फरवरी को मेजबान ऑस्ट्रेलिया के साथ सिडनी में खेलेगी.

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वहीं, दूसरा मैच बांग्लादेश की महिला टीम के साथ 24 फरवरी को पर्थ में होना है, जबकि तीसरे में भारत का सामना न्यूजीलैंड की टीम के साथ 27 फरवरी को मेलबर्न में होगा. आईसीसी महिला विश्व टी20 टूर्नामेंट में भारतीय टीम आज तक सेमीफ़ाइल से आगे नहीं बढ़ सकी हैं. वह दो बार, साल 2009 और 2010 में सेमीफ़ाइनल में पहुंची और उसके बाद साल 2012, 2014 और 2016 में ग्रुप स्टेज में ही हारकर बाहर हो गई. हालाँकि पिछले सीजन में भी भारतीय महिला टीम ने सेमीफाइनल तक का सफ़र तय किया था.

सेमीफाइनल में इंग्लैंड के हाथों 8 विकेट से हारकर भारतीय टीम बहार हो गयी थी. सभी को इस विश्वकप में भारतीय महिला टीम से काफी उम्मीदें हैं. लेकिन इस बार भारतीय टीम के लिए आगामी विश्वकप काफी बहुत कठिन होने वाला है. इसी कारण आज हम आपको बताएँगे कि वो कौन से 3 बड़े कारण हैं जिसकी वजह से भारतीय टीम ये विश्वकप जीतना बहुत कठिन होगा.

अनुभव का आभाव

ये रहे वो 3 कारण जिसकी वजह से टी-20 विश्व कप की दावेदार नहीं मानी जा रही वुमेन टीम इंडिया 2

किसी भी बड़े टूर्नामेंट को जीतने में अनुभव का होना बहुत ही आवश्यक है. वहीं मौजूदा महिला भारतीय टीम में अनुभव का आभाव साफ़ दिखाई देता है. इस टीम में हरमनप्रीत कौर, पूनम यादव, वेदा कृष्णमूर्ति तथा स्मृति मंधाना के अतिरिक्त किसी भी खिलाड़ी के पास ज्यादा मैचों का अनुभव नहीं है.

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इस टूर्नामेंट भारत की कमान हरमनप्रीत कौर संभाल रही हैं. जबकि इसके अलावा टीम में स्मृति मंधाना, दीप्ति शर्मा, वेदा कृष्णमूर्ति, राधा यादव शामिल हैं. भारतीय टीम के लिए टी20 प्रारूप में हरमनप्रीत कौर ने 2038, स्मृति मंधाना ने 1451, पूनम राऊत ने 719 और वेदा कृष्णमूर्ति ने 804 रन बनाए हैं. ज़ाहिर है, भारतीय बल्लेबाज़ी का दारोमदार इन्ही खिलाड़ियों पर रहेगा.

गेंदबाज़ी में पूनम यादव ने 85 और एकता बिष्ट ने 53 विकेट लिए हैं. इनके दो गेंदबाजों के अलावा भारतीय टीम में किसी भी खिलाड़ी को ज्यादा अनुभव नहीं है. ये दोनों अनुभवी खिलाड़ी स्पिन गेंदबाज हैं. चूँकि विश्वकप ऑस्ट्रेलिया में है इसलिए स्पिन गेंदबाजों को वहां पर ज्यादा मदद नहीं होगी. इसी कारण दोनों अनुभव से भरी स्पिन गेंदबाज अपना ज्यादा प्रभाव नहीं डाल पाएगी. इस वजह से भारतीय टीम का विश्वकप का खिताब जीतना बहुत कठिन होगा.

टीम में मैच फिनीशर की कमी

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भारतीय पुरुष टीम की तरह महिला टीम भी टॉप 4 बल्लेबाजों पर ही निर्भर रहती है. टीम में स्मृति मंधना, वेदा कृष्णमूर्ति, शैफाली वर्मा तथा हरमनप्रीत कौर ही वो चार बल्लेबाज हैं जिनपर भारतीय महिला टीम सबसे ज्यादा आश्रित रहती है. टीम में फिनीशर की कमी साफ़ नजर आती है.

भारतीय महिला टीम भले ही पहले बल्लेबाजी करते हुए थोड़ा मजबूत टीम नजर आती है, लेकिन जब टीम को लक्ष्य का पीछा करना होता है तो भारतीय टीम को काफी बार संघर्ष करते हुए देखा गया है. भारतीय पारी लगातार बड़े लक्ष्य के दबाव में अपने विकेट लगातार खो देती  है.

इसका सबसे बड़ा कारण है टीम में फिनीशर का ना हो होना, क्योंकि यदि आप बड़े लक्ष्य का पीछा करते हो तो टीम में फिनीशर की भूमिका अहम हो जाती है. झूलन गोस्वामी जैसी अनुभवी खिलाड़ी का टीम में ना होना टीम को खल सकता है. यदि टीम को यह टी20 विश्वकप कप जीतना है, तो इसके ऊपर काम करने की जरूरत है. इसी कारण भारतीय महिला टीम को इस खिताब को जीतने में बहुत मेहनत करनी पड़ सकती है.

तेज गेंदबाजों की कमी टी20 विश्वकप में पैदा कर सकता है मुश्किल

 

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@World T20

टीम में तेज गेंदबाजों की कमी भी भारतीय महिला टीम की कप्तान के लिए एक बड़ा सरदर्द होगा. किसी भी टीम के संयोजन में उस टीम के तेज गेंदबाजों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. भारतीय टीम में पूनम यादव, राधा यादव और पूजा वस्त्राकर जैसे अनुभवी गेंदबाज हैं, लेकिन परेशानी की बात ये है कि इन सब में पूजा को छोड़कर बाकी स्पिन आल राउंडर हैं.

लेकिन पूजा भी अभी तक कमाल दिखाने में असफल रहीं. भारतीय टीम में स्पिनर्स तो अच्छे हैं परन्तु ऑस्ट्रेलिया की तेज पिचों पर एक साथ इतने स्पिनर्स और स्पिन आल राउंडर्स का टीम संयोजन में फिट बैठना संभव नहीं लगता है. इसलिए भारतीय टीम को अच्छे तेज गेंदबाजों की कमी खल सकती है. भारतीय टीम में तेज गेंदबाजी की कमी इस टी20 विश्वकप की राह को और कठिन बनाती है.