भारत और इंग्लैंड (INDvsENG) के बीच 4 टेस्ट मैचों की सीरीज़ का पहला मैच चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेला गया. इंग्लैंड ने भारतीय टीम को 227 रन से हरा कर सीरीज़ में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है. इसके बाद अब दोनों टीमों के बीच सीरीज़ का दूसरा मैच भी चेन्नई के ही मैदान पर खेला जाना है.
जब भी भारतीय टीम इंग्लैंड (INDvsENG) का दौरा करती है तो उस सीरीज़ का नाम पटौदी ट्रॉफ़ी होता है लेकिन जब दोनों के बीच टेस्ट सीरीज़ भारत में होती है तो उसका नाम बदल कर एंथनी डि मेलो ट्रॉफ़ी होता है. इस लेख में हम बात करेंगे कि सीरीज़ के नाम के पीछे क्या वजह है.
क्रिकेट प्रशासक एंथनी डि मेलो के नाम पर खेली जाती है ये सीरीज़
पहले मैच में जो रूट की कप्तानी वाली मेहमान टीम ने भारतीय टीम को बड़े अंतर से हराया और सीरीज़ में बढ़त हासिल की. इस मैच से पहले ये कहा जा रहा था कि भारतीय टीम ये सीरीज़ आसानी से जीत लेगी. लेकिन इंग्लिश टीम (INDvsENG) ने शानदार खेल दिखाते हुए ये जता दिया कि वो कोई अंडरडॉग टीम नहीं है.
भारत और इंग्लैंड (INDvsENG) के बीच एंथनी डि मेलो ट्रॉफ़ी (Anthony de Mello Trophy) की शुरुआत साल 1951 में हुई थी. ज़्यादातर देखा जाता है कि किसी ट्रॉफ़ी का नाम किसी पूर्व दिग्गज खिलाड़ी के नाम पर रखा जाता है, लेकिन इस ट्रॉफ़ी का नाम भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के फ़ाइंडिंग मेंबर एंथनी डि मेलो के नाम पर रखा गया.
क्यों मिला ट्रॉफ़ी को ये नाम?
हालांकि एंथनी डि मेलो ने भारतीय टीम के लिए बतौर क्रिकेटर कभी नहीं खेले. लेकिन भारतीय क्रिकेट को दुनिया में पहचान दिलाने का श्रेय आज भी उन्हीं को दिया जाता है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की शुरुआत में उनका बेहद अहम योगदान है.
उन्होंने बोर्ड के पहले सचिव के तौर पर भी अपनी सेवाएं दी थी. बाद में जब डि मेलो बोर्ड के अध्यक्ष बने तो ये उन्हीं के मेहरबानी थी भारत के क्रिकेट रिश्ते ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के साथ मजबूत हुए थे. इसके अलावा भारतीय क्रिकेट को क्रिकेट क्लब ऑफ़ इंडिया में देने में भी डि मेलो ने अहम भूमिका निभाई थी.
अभी तक 13 बार खेली जा चुकी है ये ट्रॉफ़ी
भारत और इंग्लैंड की टीमों के बीच ये ट्रॉफ़ी अब तक 13 बार खेली जा चुकी है. जिसमें 7 बार भारतीय टीम ने ये ट्रॉफ़ी अपने नाम की वहीं इंग्लिश टीम ने इस ट्रॉफ़ी में 3 बार जीत दर्ज की. इंग्लिश टीम ने एंथनी डि मेले ट्रॉफ़ी 1976, 1984 और 2012-13 में अपने नाम की थी. मौजूदा सीरीज़ में भी जो रूट की कप्तानी वाली टीम ने बढ़त बनाई हुई है.