आईपीएल 2018 के दौरान अम्पायर स्ट्रेटेजिक टाइम-आउट सत्रों के लिए नए सिग्नल का इस्तेमाल करेगा। आईपीएल अंपायरों के लिए दो दिवसीय कार्यशाला में बीसीसीआई ने इसे घोषित किया। चूंकि आईपीएल में पहली बार उपयोग किए जाने वाले रिव्यू सिस्टम (डीआरएस) में “टी” सिग्नल रहेगा तो अब स्ट्रेटजिक टाइम आउट का सिग्नल बदलना पड़ा है, इस प्रकार अंपायर अब स्ट्रेटेजिक टाइम-आउट को दर्शाने के लिए हाथों के साथ अपनी कलाई को इंगित करेंगे।
पारी के दौरान प्रत्येक टीम के लिए टाइम-आउट सत्र दो से डेढ़ मिनट तक रहेगा। जबकि गेंदबाजी करने वाली टीम छठे और नौवें ओवर में इसके लिए पूछ सकता है, बल्लेबाजी करने वाली टीम 13 से 16 ओवरों के बीच में यह टाइम मांग सकती है। एक मैच के दौरान चार बार यह स्ट्रेटेजिक टाइम आउट लिया जा सकता है।
द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि चार रेफरी के साथ, जिन्होंने सत्र में भाग लिया, वहां 15 भारतीय अंपायर भी थे। अधिकांश भारतीय अंपायरों को डीआरएस से निपटने में कोई अनुभव नहीं है। आईसीसी के अंपायर कोच डेनिस बर्न्स, अनिल चौधरी, नंदन, सी शमसूद्दीन और नितिन मेनन ने डीआरएस प्रशिक्षण के साथ मैच के मुद्दों और नए बदलावों को संभालने पर चर्चा की। जबकि रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्यशाला के बुधवार वाले अर्थात अंतिम दिन में डीआरएस पर अधिक चर्चा होगी।
बता दें कि इससे पहले इंडियन प्रीमियर लीग में डीआरएस का उपयोग नहीं किया जाता था लेकिन इस बार यह डीआरएस लाया गया है जिससे बल्लेबाजों को मुख्य रूप से फायदा होने वाला है।
गौरतलब हो कि इस सीजन का पहला मुकाबला 7 अप्रैल को वानखेड़े क्रिकेट ग्राउंड पर चेन्नई सुपरकिंग्स और मुंबई इंडियंस के बीच होने वाला है जिसके लिए चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम मुंबई पहुँच गयी है। चेन्नई जो दो सालों बाद आईपीएल में खेलती हुई नजर आयेगी।