चीन से शुरु हुए ‘कोरोना वायरस’ ने विश्व के तमाम देशों में अपने पैर पसार लिए हैं. क्रिकेट पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है. अंतरराष्ट्रीय मैच खाली स्टेडियम में आयोजित किए जा रहे हैं. इतना ही नहीं आईपीएल पर भी ‘कोरोना वायरस’ का खतरा मंडरा रहा है. सुप्रीम कोर्ट में आईपीएल को रद्द करने की अर्जी भी दर्ज कर दी गई है. अब रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं कि यदि आईपीएल 2020 रद्द होता है, तो 10 हजार करोड़ का बड़ा झटका लग सकता है.
15 अप्रैल तक टल गया आईपीएल 2020
आईपीएल 2020 के शुरु होने में मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. असल में ‘कोरोना वायरस’ की रोकथाम हेतु सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है. इसमें बुधवार से लेकर 15 अप्रैल तक सभी का वीजा कैंसिल कर दिया गया है. ताकि विदेश से यात्रा करके आने वाला कोई भी संक्रमित व्यक्ति भारत ना आ सके.
इसके चलते जो 60 विदेशी खिलाड़ी भारत में आईपीएल खेलने आने वाले थे, उनका आना नामुमकिन हो गया था. इसके चलते अब रिपोर्ट्स आ रही हैं कि बीसीसीआई ने आईपीएल को रद्द तो नहीं किया है, मगर 15 अप्रैल तक टाल दिया है. जी हां, अब 29 मार्च से आईपीएल का आगाज नहीं होगा. इतना ही नहीं अभी आईपीएल की नई तारीखों का ऐलान भी नहीं हुआ है.
बीसीसीआई को लगेगा करोड़ों का झटका
कैश रिच लीग आईपीएल की तारीखों को फिलहाल के लिए तो आगे बढ़ाया गया है, मगर इसपर अभी भी रद्द होने के बादल मंडरा रहे हैं रिपोर्ट्स के मुताबिक, खेल विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आईपीएल 2020 शुरू नहीं हुआ तो आईपीएल को लगभग 10,000 करोड़ का बड़ा नुकसान हो सकता है.
इसमें कई प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं जहां परिषद को टिकेट, स्पॉन्सरशिप, मीडिया अधिकार, फ्रेंचाइजी रैवेन्यू और खिलाड़ियों की फीस के साथ-साथ आतिथ्य और यात्रा से संबंधित लागतों का नुकसान उठाना पड़ेगा. बीसीसीआई और आयोजक को इन सभी नुकसानों को उठाना होगा.
दिल्ली में नहीं होगा आईपीएल मैच
दिल्ली सरकार ने आईपीएल 2020 को लेकर एक बड़ा फैसला किया है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने घोषणा की है कि दिल्ली में किसी तरह के खेल का आयोजन नहीं किया जाएगा. इससे लोग जमा होंगे और कोरोना का संक्रमण फैल सकता है.
इससे पहले आईपीएल 2020 के 7 मैच दिल्ली के अरुण जेटली क्रिकेट स्टेडियम में होने वाले थे. मगर अब ये मैच दिल्ली में नहीं खेले जाएंगे. आपको बता दें, दिल्ली से पहले मराराष्ट्र व कर्नाटक सरकारें भी अपने राज्य में आईपीएल मैच खेलाने के पक्ष में नहीं हैं. इस बारे में उन्होंने भारत सरकार को पत्र भी लिखा था.