आईपीएल ऑक्शन 2020 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे क्रिकेट फैंस की धड़कने बढ़ती जा रही हैं. हर कोई अपनी फ्रेंचाइजी को नीलामी में मजबूती से और धैर्य के साथ प्लेयर्स को खरीदने की उम्मीद कर रहा होगा. असल में कई बार फ्रेंचाइजी कुछ ऐसी गलतियां कर बैठती हैं, जो टीम के लिए बाद में काफी भारी पड़ती है.
अगर आप आईपीएल ऑक्शन के इतिहास में देखें तो तमाम फ्रेंचाइजियों की ऐसी गलतियां देखने को मिल जाएंगी. तो आइए इस आर्टिकल में हम आपको आईपीएल ऑक्शन में फ्रेंचाइजियों द्वारा की गई उन 5 सबसे बड़ी गलतियों के बारे में बताते हैं जिसके चलते टीम को पूरे सीजन नुक्सान झेलना पड़ा.
आईपीएल ऑक्शन के इतिहास की सबसे बड़ी 5 गलतियां
पवन नेगी को वापस लाने के लिए आरसीबी ने लगाया आरटीएम
बाएं हाथ के ऑलराउंडर खिलाड़ी पवन नेगी के लिए 2018 आईपीएल ऑक्शन में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर की टीम ने आरटीएम का इस्तेमाल कर टीम में शामिल किया था. पवन ने 2012 में दिल्ली डेयरडेविल्स ( दिल्ली कैपिटल्स ) टीम के साथ अपने आईपीएल करियर की शुरुआत की. इसके बाद आईपीएल के सातवें सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स की टीम ने इस खिलाड़ी को अपने साथ जोड़ लिया.
चेन्नई के साथ 2 साल खेलने के सीएसके ने पवन को रिलीज कर नीलामी में पहुंचा दिया. इस नीलामी में आरसीबी ने नेगी को 1 करोड़ की कीमत में अपने साथ शामिल कर लिया. धीमी गति के बाएं हाथ के ऑर्थोडॉक्स गेंदबाज ने 2017 में 144 रन बनाने के साथ-साथ 16 विकेट लिए.
तब 2018 में नीलामी में पहुंचे नेगी को 4 आईपीएल टाइटल जीत चुकी टीम ने 1 करोड़ में नेगी को खरीद लिया. मगर आरसीबी ने आरटीएम का इस्तेमाल करते हुए नेगी को वापस अपनी टीम में शामिल कर लिया. आरसीबी ने उनसे 2017 के प्रदर्शन वाली उम्मीद की थी.
लेकिन ऑलराउंडर खिलाड़ी फ्रेंचाइजी की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे. 2018 में 3 रन बनाए और 1 विकेट निकाला. 2019 में तो 9 रन बनाए और 3 ही विकेट हासिल कर सके. आंकड़ों को देखते हुए कहा जा सकता है कि आरसीबी द्वारा पवन नेगी को आरटीएम द्वारा खरीदना काफी अजीब फैसला था.