रहाणे की टेस्ट क्रिकेट में एंट्री धमाकेदार रहीं है, और उन्होंने हर जगह अपने बल्ले से कमाल किया है. और अपने छोटेसे करियर में रहाणे टेस्ट में विश्व के युवा खिलाडियों में बडे बल्लेबाज माने जा रहे है. लेकिन वनडे की कहानी अलग है.
रहाणे को टेस्ट की तरह वनडे में वैसी सफलता नहीं मिली है. रहाणे ने अपने वनडे करियर की शुरूआत इंग्लैंड के खिलाफ बतौर ओपनर की, और उस दौरे में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन भी किया. फिर रहाणे को जब मौका मिला तो वे उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए.
रोहित शर्मा और धवन ने ओपनर की जगह ली, और रहाणे को फिर मध्यमक्रम में मौका मिला. लेकिन मध्यमक्रम में वे लगातार अच्छा प्रदर्शन करने में असफल रहे है.
58 वनडे में रहाणे ने 31 की औसत से 1705 रन बनाए है. और ये ऐसा प्रदर्शन सभीको चौका देता है, की रहाणे टेस्ट का प्रदर्शन वनडे में नहीं दोहरा पाए. वनडे में रहाणे स्ट्राईक रोटेट करने में नाकाम रहते है. बतौर ओपनर रहाणे ने दों शतक लगाए है, लेकिन मध्यमक्रम में वे असफल रहे है. लेकिन जिंबाब्वे दौरे पर रहाणे बतौर ओपनर खेले और सिर्फ एक ही अर्धशतक लगा पाए.
रायडू जैसा खिलाडी जब मौका मिलता है तब अच्छा कर रहा है, और रहाणे की जगह खतरे में है. और अब रायडू को मौका देने का वक्त आ गया है.
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