भारतीय टीम के प्रमुख कोच रवि शास्त्री ने सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस जैसे दिग्गज खिलाड़ियों से बनी क्रिकेट सलाहकार समिति(सीएसी) के फ़ैसले को बदलकर अपना शक्ति प्रदर्शन कर दिया हैं.
सीएसी को नज़रंदाज़ करके शास्त्री ने निभाया याराना
मंगलवार को भारतीय टीम के कोच रवि शास्त्री ने पुराना याराना निभाते हुए भरत अरुण को गेंदबाज़ी कोच, जबकि संजय बागड़ को सहायक कोच नियुक्त कर दिया हैं. शास्त्री के सहायक स्टाफ में आर. श्रीधर बतौर फील्डिंग कोच शामिल किये गए हैं.
ख़बरो की माने तो रवि शास्त्री ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड(बीसीसीआई) से भरत अरुण को भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच नियुक्त करने की सिफ़ारिश की थी. रवि शास्त्री के साथ मिलकर बीसीसीआई ने इन 7 दिग्गजों को दिखाया भारतीय टीम से बाहर का रास्ता!
भरत अरुण को गेंदबाजी कोच बनाये जाने पर अंतिम फ़ैसला मंगलवार को बीसीसीआई की 4 सदस्यों की समिति ने किया. इस समिति में कोच रवि शास्त्री के आलावा बोर्ड के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना, कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी और सीओए की सदस्य डायना इडुलजी भी शामिल रही.
इससे पहले सीएसी और बीसीसीआई द्वारा रवि शास्त्री के नाम एक ऐलान के दौरान यह घोषणा की गई थी, कि ज़हीर खान भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच होगे, जबकि राहुल द्रविड़ विदेशी दौरों पर बल्लेबाज़ी सहायक कोच के रूप में जायेगे, लेकिन गेंदबाजी कोच के रूप में शास्त्री द्वारा अरुण की सिफ़ारिश के बाद यह कहा गया कि सीएसी ने सिर्फ ज़हीर और द्रविड़ ने नाम की सिफ़ारिश की हैं, इनके नाम पर अंतिम फ़ैसला प्रमुख कोच शास्त्री से चर्चा के बाद ही किया जाएगा.
सीएसी का चमक हुई फीकी
रवि शास्त्री के कोच नियुक्त किये जाने के बाद सीएसी के फ़ैसले में बदलाव किया गया, और ज़हीर खान को गेंदबाजी कोच की जगह द्रविड़ की तरह सिर्फ विदेशी दौरों पर गेंदबाजी सलाहकार बताया गया. बीसीसीआई इस मुद्दे पर कुछ भी कहती रही, लेकिन जिस नाटकीय अंदाज़ में यह सब हुआ, इससे यह अनुमान आसानी से लगाया जा सकता हैं, कि शास्त्री के कहने पर सीएसी के फ़ैसले को बदला गया. भारतीय टीम का मुख्य कोच बनने के बाद अब आराम से नहीं बैठ पायेंगे शास्त्री, सामने होंगी ये 5 चुनौतियाँ
क्रिकेट सलाहकार समिति ने भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज गेंदबाज़ ज़हीर खान को गेंदबाजी कोच बनाये जाने की सिफ़ारिश की थी, ज़हीर के नाम अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट में 600 से अधिक विकेट है, लेकिन अरुण के साथ शास्त्री के याराने के कारण उन्हें नज़रंदाज़ किया गया. अरुण के नाम अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सिर्फ 6 विकेट हैं.