भारतीय टीम के अहम खिलाड़ियों में से एक सुरेश रैना को भारतीय टीम के मध्यमक्रम की रीढ़ माना जाता है, और रैना ने इसे पूरी तरह साबित भी किया है,उन्होंने कई मौकों पर मध्यमक्रम की भार सम्भाला और टीम को जीत दिलाया, लेकिन अब जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जा रही है, सुरेश रैना के क्रिकेट करियर पर भी इसकी झलक साफ़ दिखाई दे रही है.
अगर हम बात करे सुरेश रैना के क्रिकेट करियर की तो रैना ने 2008 में वनडे में भारत की तरफ से पदार्पण किया और लगातार अच्छा खेल दिखाया, जिसकी वजह से वो भारतीय टीम के नियमित सदस्य बने रहे, हालाँकि टेस्ट मैचों में रैना को ज्यादा मौके नहीं मिले और यही कारण है कि टेस्ट में रैना अपने आप को पूरी तरह से भारतीय टीम में सेटल नहीं कर पाये.
जब से रैना ने भारतीय टीम की तरफ से पदार्पण किया तब से अब तक भारतीय टीम ने कुल 214 वनडे मैच खेले, जिसमे से 187 मैचों में सुरेश रैना को भारतीय टीम में जगह दी गयी. लेकिन अब अगर हम बात करे पिछले कुछ महीनों की तो रैना का करियर अंत की ओर बढ़ रहा है, ये हम नहीं बल्कि आने वाला समय बता रहा है.
लेकिन उनके पिछले रिकार्ड्स को देखते हुए उन्हें एक अवसर जरुर दिया जाना चाहिए.
सुरेश रैना के वनडे आँकड़े:
अब अगर हम रैना के आँकड़ो पर नजर डाले तो भारतीय कप्तान धोनी रैना को 5 वें या फिर 6 वें स्थान पर बल्लेबाजी के लिए भेजते है, इस स्थान पर खेलते हुए अब तक रैना ने 94.13 के स्ट्राइक रेट से 2000 से भी अधिक रन बनाये है, अगर रैना से बेहतर इस स्थान पर बल्लेबाजी करने वाले बल्लेबाज की औसत देखी जाये, तो ऑस्ट्रेलिया के एंड्रू सायमंड्स ही एक मात्र ऐसे खिलाड़ी है, जिनका स्ट्राइक रेट रैना से अधिक है, लेकिन रैना सायमंड्स से भी आगे निकल जाते है जब सबसे अधिक मैचों में इसी औसत से रन बनाने की बात आती है तो क्यूंकि सायमंड्स ने रैना के आधे मैच ही खेले है और कम मैचों में औसत बरकरार रखना काफी आसान है.
अगर इस स्थान पर बल्लेबाजी करते हुए तेजी से रन बनाने की बात करे तो रैना ही आगे है उन्होंने औसतन हर 9.92 गेंद में एक चौक जड़ते हैं जो कि उनके स्थान पर बल्लेबाज़ी करनेवाले किसी भी बल्लेबाज के लिए बहुत अच्छा है. पिछले दो साल में जब सब ये मानाने लगे, कि अब रैना का समय खत्म हो गया है, तब रैना की औसत 35.4 और स्ट्राइक रेट 107 का रहा है और हर 7.92 गेंदों पर रैना के बल्ले से चौका निकलता है, ये उनके करियर आंकड़े से भी अच्छा है, तो ऐसे में आँकड़े तो रैना को अभी भी फिट बताते है, लेकिन पिछली कुछ पारियों ने रैना को टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया है, जहाँ से वापसी आसान नहीं होंगी.
सुरेश रैना की ताकत और कमजोरी:
अगर रैना के ताकत और कमजोरी की बात करे तो, सबको पता है कि रैना शोर्ट पिच गेंदों पर संघर्ष करते नजर आते है, लेकिन पिछले कुछ समय से उन्होंने इसमें भी सुधार किया है.
न्यूज़ीलैंड और इंग्लैंड को छोड़ दे तो विदेशो में रैना की बल्लेबाजी औसत 31.2 की है, जबकि वहीं घर पर रैना 36.3 की औसत से रन बनाते है.
न्यूज़ीलैंड रैना का सबसे पसंदीदा क्रिकेट ग्राउंड है, न्यूज़ीलैंड में रैना ने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 63.8 की औसत और 117.7 की स्ट्राइक रेट से रन बनाये है.
न्यूज़ीलैंड के बाद ऑस्ट्रेलिया भी सुरेश रैना का दूसरा सबसे पसंदीदा देश है, जिसके खिलाफ रैना का बल्ला गरजता है अगर ऑस्ट्रेलिया की बात करे तो ऑस्ट्रेलिया में उनका औसत 27.2 और स्ट्राइक रेट 93.6 का है.
वहीं इन दोनों देशो के अलावा इंग्लैंड में भी रैना का बल्ला अपना मुहं खोलता है, इंग्लैंड में रैना ने 37.5 की औसत और 113 के स्ट्राइक रेट से रन बनाये है, तो इंग्लैंड में इंग्लैंड के खिलाफ उनका औसत 43 का रहा है.
लेकिन इन तीनों देशो के अलावा टेस्ट खेलने वाली अन्य 5 टीम (वेस्टइंडीज, श्रीलंका, पाकिस्तान, साउथ अफ्रीका और ज़िम्बाब्वे) के खिलाफ रैना का बल्ला कुछ ज्यादा नहीं बोला है.
वर्तमान समय में रैना का प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं है, लेकिन फिर भी चयनकर्ताओ कों रैना पर भरोसा करना चाहिए, क्यूंकि विदेशी धरती पर रैना जैसा मजबूत मध्यमक्रम बल्लेबाज होने के बाद किसी कम अनुभवी खिलाड़ी को मौका देना सही नहीं है.
हालाँकि अभी तो इस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगा, क्यूंकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत के अंतिम वनडे में मनीष पाण्डेय ने दबाव की घड़ी में शानदार शतक लगा कर अपनी टीम को विजयी बनाया और उसी की बदौलत भारतीय कप्तान धोनी और बीसीसीआई ने उन्हें ज़िम्बाब्वे दौरे के लिए सुरेश रैना की जगह चुना और अब उनका प्रदर्शन ज़िम्बाब्वे के खिलाफ कैसा रहता है, इसी पर सुरेश रैना का पूरा वनडे क्रिकेट करियर टिका हुआ है, नहीं तो रैना सिर्फ टी-20 बल्लेबाज बन कर रह जायेंगे.
सुरेश रैना के टी ट्वेंटी के आंकड़े
सुरेश रैना ने अपने टी ट्वेंटी करियर की शुरुआत साल 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ की थी. इस साल इंग्लैंड के खिलाफ हुई टी ट्वेंटी टीम में भी टीम का हिस्सा थी, लेकिन देखते ही देखते ना सिर्फ वनडे और टेस्ट, बल्कि टी20 से भी वह अपनी जगह खो बैठे.
रैना ने अभी तक भारतीय टीम के लिए कुल 65 टी ट्वेंटी मैच खेले हैं और इस दौरान उन्होंने 139 के जोरदार स्ट्राइक रेट के साथ कुल 1307 रन बनाये हैं. इस फॉर्मेट में उनके नाम पर एक शतक और चार अर्द्धशतक भी दर्ज हैं. टी ट्वेंटी फॉर्मेट में सुरेश 12 विकेट भी ले चुके हैं.