अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत में ही विश्व क्रिकेट के महान बल्लेबाजों में से एक ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज रिकी पोंटिंग के नाम में दम करने वाले ईशांत शर्मा आज भारतीय टेस्ट टीम के सबसे प्रमुख गेंदबाजों में से एक हैं। ईशांत शर्मा आज यानि 2 सितंबर को अपना 31वां जन्मदिन मना रहे हैं।
ईशांत शर्मा आज मना रहे हैं अपना 31वां जन्मदिन
मौजूदा भारतीय टीम में टेस्ट फॉर्मेट के स्ट्राइक तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा का जन्म 2 सितंबर 1988 को देश की राजधानी दिल्ली में हुआ। ईशांत शर्मा ने अपने जीवन के आज 31 बरस पूरे कर लिए हैं।
भारतीय क्रिकेट टीम में ईशांत शर्मा ने साल 2007 में डेब्यू किया था। जब उन्हें बांग्लादेश के दौरे पर बांग्लादेश के खिलाफ पहला टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला था। इसके बाद इन्होंने अपनी तेज गति और उछाल भरी गेंदों से खास पहचान बना ली है।
ईशांत शर्मा के साथ 2007 की शुरुआत में हुआ था धोखा
ईशांत शर्मा इन दिनों वेस्टइंडीज के दौरे पर हैं और वो टीम का एक अभिन्न अंक बन चुके हैं। लेकिन ईशांत शर्मा के करियर में एक दौर वो आया था जब उन्हें अंदर-बाहर के खेल का सामना करना पड़ा। लेकिन अब वो टीम इंडिया के स्थापित तेज गेंदबाज बन चुके हैं।
ईशांत शर्मा के साथ शुरुआत भी बड़ी ड्रामेटिक हुई जब उन्हें उनकी 18 साल की उम्र में ही भारतीय क्रिकेट टीम के साथ दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर ले जाना तय था। लेकिन आखिरी पलों में ईशांत शर्मा को दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर नहीं ले जाया गया।
साल 2014 तक ईशांत शर्मा को करना पड़ा अंदर-बाहर के खेल का सामना
हालांकि इसके कुछ समय बाद ईशांत शर्मा को टीम इंडिया का टिकट मिल गया। जिन्होंने साल 2008 के ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर उस दौर के सबसे बड़े बल्लेबाज रिकी पोंटिंग को अपनी गेंदों से काफी परेशान किया था और वो भारतीय टीम के लिए भविष्य के सितारें के रूप में पेश किए जाने लगे।
लेकिन इसके बाद ईशांत शर्मा के लिए वो दौर आया जब उन्हें लगातार अंदर-बाहर किया जाता रहा। ईशांत शर्मा का करियर यहां खत्म होता दिख रहा था लेकिन साल 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट मैच में इनकी किस्तम को बदल दिया।
लॉर्ड्स के मैदान में 2014 में बदली किस्तम
भारतीय टीम में अंदर-बाहर के शिकार बने ईशांत शर्मा के लिए 2014 में इंग्लैंड का दौरा यादगार रहा। इस सीरीज में लॉर्ड्स में खेले गए टेस्ट मैच में ईशांत शर्मा ने कमाल कर दिखाया और इसी प्रदर्श ने उनके करियर को संजीवनी प्रदान की।
इस दौरे पर लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ महेन्द्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने पहली पारी में 295 रन बनाए लेकिन इंग्लैंड ने पहली पारी में 319 रन बनाकर कुछ बढ़त हासिल की। जिसके बाद भारत ने अपनी दूसरी पारी में 342 रन का स्कोर खड़ा कर इंग्लैंड को जीत के लिए 319 रनों का लक्ष्य दिया।
अब ईशांत शर्मा है टीम के सबसे प्रमुख टेस्ट गेंदबाज
इसके जवाब में इंग्लैंड बल्लेबाजी करने उतरी। लेकिन यहां ईशांत शर्मा लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान में कुछ ऐतिहासिक करना चाहते थे जिन्होंने अपने करियर की सबसे शानदार गेंदबाजी करते हुए 74 रन देकर 7 विकेट लेकर भारत को शानदार जीत दिलायी।
इसके बाद ईशांत शर्मा को भारतीय टेस्ट टीम से कभी नजरअंदाज नहीं किया गया और वो टेस्ट क्रिकेट में मैचों का शतक लगाने की दहलीज पर खड़े हैं लेकिन वहीं ईशांत को आज तक सीमित ओवर की क्रिकेट में नजरअंदाज किया जाता रहा है। जिन्होंने 2016 में अपना अंतिम वनडे और 2013 में अपना अंतिम टी20 मैच खेला।
आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया हो तो प्लीज इसे लाइक करें अपने दोस्तों तक इस खबर को सबसे पहले पहुंचाने के लिए शेयर करें। साथ ही कोई सुझाव देना चाहे तो प्लीज कमेंट करें। अगर आपने हमारा पेज अब तक लाइक नहीं किया हो तो कृपया इसे जल्दी लाइक करें, जिससे लेटेस्ट अपडेट आप तक पहुंचा सके।