भारतीय तेज गेंदबाज़ इशांत शर्मा टेस्ट क्रिकेट के अपेक्षा सिमित ओवरों को क्रिकेट में अपनी क्षमता के अनुसार प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं. टेस्ट क्रिकेट में इशांत भारत के प्रमुख तेज गेंदबाज़ हैं. भारतीय टीम फिलहाल वेस्ट-इंडीज के विरुद्ध 4 टेस्ट मैचो की सीरीज के लिए एंटीगुआ पहुँच चुकी हैं, भारत और वेस्ट-इंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच 21 जुलाई से खेला जायेगा.
वेस्ट-इंडीज के विरुद्ध सीरीज शुरू होने से पहले इशांत ने कहा है, कि उन्हें लगता है कि उन्होंने समिति ओवरों के क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उन्हें अपनी स्ट्रेंथ पता हैं.
वेस्ट-इंडीज में परिस्तिथि के बारे में बात करते हुए इशांत ने कहा “परिस्तिथि ‘चुनौतीपूर्ण’ होगी, साथ ही ‘गर्मी’ भी होगी, ऐसे में ‘रिकवरी’ समय गेंदबाजो के लिए महत्वपूर्ण होगा”.
वेस्ट-इंडीज के विरुद्ध 21 जुलाई से शुरू हो रही सीरीज के दौरान भारतीय गेंदबाजी की कामन अनुभवी गेंदबाज़ इशांत के हाथो में होगी. इशांत के नाम 68 टेस्ट मैचो में 201 विकेट है.
भारतीय प्रमुख कोच अनिल कुंबले की भी एक कोच के रूप में पहली सीरीज होगी.
बीसीसीआई टीवी की रिपोर्ट के अनुसार इशांत शर्मा ने कहा “आपको खुद के प्रति ईमानदार होना होगा, इससे आपको अपनी कमियो को स्वीकार करने में आसानी होती हैं. मैं मानता हूँ कि मैंने छोटे फॉर्मेट में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन मैं टेस्ट मैचों में अच्छा प्रदर्शन कर रहा हूं और इसलिए मैं जानता हूं कि मेरा मजबूत पक्ष क्या हैं. अपने मजबूत पक्षों को समझना महत्वपूर्ण होता है”.
आगे दिल्ली के तेज गेंदबाज़ इशांत ने कहा “‘भुवी का मजबूत पक्ष स्विंग गेंद करना है, लेकिन भुवी मेरी जैसी उछाल हासिल नहीं कर पाता, इसी तरह से मैं भुवी की तरह गेंद को स्विंग गेंद नहीं करा सकता हूँ”.
27 वर्षीय तेज गेंदबाज़ इशांत शर्मा का कहना है कि वह अपना अनुभव अपने टीम-साथी उमेश यादव, भुवनेश्वर कुमार और शार्दुल ठाकुर के साथ साँझा करते हैं.
इशांत ने कहा “मैं अपना अनुभव अपने टीम साथियों के साथ साँझा कर रहा हूँ, मैं उम्मीद करता हूँ कि यह मेरे और उनके काम आयें. लेकिन उन्हें अपने मजबूत पक्ष की पहचान करनी होगी”.
इशांत ने वेस्ट-इंडीज की फ्लैट पिच के विषय में कहा, कि तेज गेंदबाजो को सिर्फ सही क्षेत्र में गेंदबाजी करनी चाहिए और स्पिन गेंदबाज़ पर निर्भर रहना चाहिए.
“तुम्हारे पास काफी ओवर हैं, तुम्हे कड़ी मेहनत करनी चाहिए, चाहे परिस्तिथि हमारे पक्ष में हो या ना हो. आसानी से हार मान लेना और यह कहना कि विकेट में कुछ नहीं है, इससे स्पिनर पर दवाब बनता है, यह सही नहीं हैं. खासतौर पर मेरे लिए, मुझे अपना शत प्रतिशत देना पसंद है चाहे मेरा दूसरा स्पेल हो या तीसरा स्पेल”.